मजबूरी का फायदा उठाकर बना लेते हैं बधुआं मजदूर
आजमगढ़ : रोजा सामाजिक संस्थान के समाजिक कार्यकर्ता मुश्ताक अहमद ने बताया कि रोजा सामाजिक संस्थान व ए
आजमगढ़ : रोजा सामाजिक संस्थान के समाजिक कार्यकर्ता मुश्ताक अहमद ने बताया कि रोजा सामाजिक संस्थान व एक्शन एड के तत्वावधान में जिले के मेंहनगर, तरवां व जहानागंज के विभिन्न गांवों में बंधुआ मजदूरी एवं मानव तस्करी पर जागरुकता पर कार्य किया जा रहा है। संस्था ने इन ब्लाकों के तीन गांवों में श्रमिक सूचना व सहायता केंद्र का संचालन कर रही है जहां से पलायन वाले श्रमिकों की जानकारी रखी जाती है और श्रमिकों को सहायता प्रदान की जाएगी।
शहर के सिधारी स्थित एक होटल के सभागर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि निजामाबाद तहसील के तहबरपुर में 31 अक्टूबर को 35 बंधुआ मजदूर ईट-भट्ठा से मुक्त हुए। इसी क्षेत्र से माह जून में 15 बंधुआ मजदूर मुक्त हुए। इससे यह साफ है कि हमारे जिले में भी बंधुआ मजदूरी प्रथा का चलन चरम सीमा पर है। समाज के मेहनतकश तबके के मजबूरियां का फायदा उठाकर समाज के ही कुछ तबकों द्वारा मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। जिले के 50 लाख की जनसंख्या में से जो मजदूर तबका है। वह गाहे बगाहे मजदूरी के लिए देश के विभिन्न शहरों में पलायन करता है। उसी प्रकार से देश के दूसरे जिले और प्रांतों के मजदूर जिले में पलायन कर मजदूरी के लिए आते है। पलायन करने वाले कुछ मजदूरों के साथ उनके मजबूरी का फायदा उठाकर बंधक बना लिए जा रहे हैं। अध्यक्षता बनवारी लाल जालान व संचालन बृजभूषण ने किया। इस अवसर पर वसीम रजा खान, रामलाल यादव, राजकमल सिंह, रंजीत चौहान, शशिभूषण, कृपाशंकर, आनंद सिंह, शिवनारायण शर्मा आदि उपस्थित थे।