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धधकी छात्रों के आक्रोश की ज्वाला, बैकफुट पर रही पुलिस

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 11:32 PM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 11:32 PM (IST)

बलिया : छात्रहित से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर कुंवर सिंह महाविद्यालय में प्राचार्य से मंगलवार को मिलने गए छात्रनेताओं को छेड़ना पुलिस के लिए काफी मंहगा साबित हुआ। पुलिस की पिटाई से आक्रोशित छात्रों के उग्र रूप लेने के बाद आधे घंटे के अंदर ही पूरे नगर में अफरातफरी मच गई। बौखलाए छात्रों ने पूरे नगर में जमकर बवाल काटा और कालेज में भी जमकर तोड़फोड़ की। कालेज के कमरों में रखे कुर्सी-मेज तोड़ दिए वहीं जरूरी कागजात आदि को भी फाड़ दिया। कुंवर सिंह चौराहे पर छात्रों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। इस दौरान कई वाहनों के शीशे टूटे तो दर्जनों लोग चोटिल हो गए। बवाल की सूचना जहां भी मिली वहां छात्रों का जमावड़ा शुरू हो गया। कुंवर सिंह चौराहे पर पुलिस द्वारा बवाल शांत करने के थोड़ी देर बाद रोडवेज बस स्टैंड पर पहुंचे छात्रों ने बस को ही आग के हवाले कर दिया। इससे हमेशा ही भीड़भाड़ रहने वाले स्टैंड पर अफरातफरी मच गई। छात्रों ने जिस बस को आग के हवाले किया उसमें करीब 50 यात्री सवार थे जो किसी तरह से जान बचाकर भागे। यही नहीं जानकारी होने के बाद छात्रों ने शहर के बाहर माल्देपुर मोड़ पर भी सरकारी बस को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस बीस लाठी-डंडा लेकर सड़कों पर उतरे छात्रों ने कई स्कूल बसों को भी क्षति पहुंचाई। सूचना के बाद पुलिस इधर से उधर हांफती रही लेकिन छात्रों के बवाल को रोक नहीं पाई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पीएसी को भी सड़क पर उतरना पड़ गया। बड़ी बात यह कि इधर कुंवर सिंह चौराहे पर छात्रों का बवाल चल रहा था, उधर इससे सटे माडल तहसील परिसर में चल रहे मुख्य तहसील दिवस में सारे आला अधिकारी मौजूद थे। मामले की जानकारी जैसे ही पुलिस अधीक्षक को हुई वह तत्काल दल-बल के साथ मौके पर आ धमके।

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बस से कूदकर महिला ने बचाई जान

रोडवेज बस स्टैंड पर छात्रों द्वारा बस में आग लगाए जाने के बाद स्थिति काफी खराब हो गई। इस दौरान बस में सवार करीब 50 से अधिक यात्रियों में भगदड़ मच गई। छात्रों के बवाल से डरे यात्री जान बचाने के चक्कर में रोना-चिल्लाना शुरू कर दिए। इसमें छोटे-छोटे बच्चों के साथ बैठी कई महिलाएं तो डर के मारे जोर-जोर से चिल्लाने लगीं। इस दौरान बस में नवजात के साथ सवार एक महिला तो खिड़की से कूद कर किसी तरह से जान बचाई। इसमें कई बुजुर्ग भी सवार थे जिन्हें क्या हुआ यह समझ ही नहीं आ रहा था। बाद में खिड़की के रास्ते से ही कई लोग बाहर निकले। मामले की जानकारी होते ही पुलिस पहुंच गई और इसमें घायल हुए लोगों को जिला अस्पताल भेजवाया।

सारे अधिकारी रहे सड़क पर

बिगड़ते हालात को देखते हुए मौके पर कई थानों की पुलिस को बुलाना पड़ गया। इससे भी मामला नहीं संभला तो आला अधिकारियों को भी मैदान में उतरना पड़ा। छात्रों की वानरी सेना के आगे प्रशासन बिल्कुल ही बौना साबित हुआ। पुलिस अधीक्षक से लेकर एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट समेत कई अधिकारी वाहनों को लेकर सड़कों पर हूटर बजाते चक्रमण करते रहे। हालात थे कि पुलिस एक जगह बवाल को शांत कर रही थी तो छात्र दूसरी जगह हंगामा खड़ा कर दे रहे थे। कुल मिलाकर छात्रों ने पुलिस को जमकर छकाया जिससे बवाल को शांत करने में उन्हें दो घंटे से भी अधिक का समय लग गया।

छात्रनेताओं ने बैठक कर की भ‌र्त्सना

मांगों को लेकर कालेज पहुंचे छात्रों पर पुलिस द्वारा की गई पिटाई के विरोध में नगर स्थित सभी महाविद्यालयों के छात्र उग्र हो गए। छात्र संघर्ष समिति ने बैठक कर इसकी घोर भ‌र्त्सना की तो कई छात्रों ने आंदोलन छेड़ने की बात कही। पूर्वाचल छात्र संघर्ष समिति के संयोजक नागेंद्र बहादुर सिंह झुन्नू ने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को लेकर कालेज में पहुंचे छात्रों को प्राचार्य द्वारा पुलिस को बुलवाकर पिटवाने की घटना लोकतंत्र के लिए घातक है। कहा इसमें जिला प्रशासन दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई करे अन्यथा और भी बड़ा आंदोलन खड़ा होगा। बैठक में मानवेंद्र विक्रम सिंह, राकेश सिंह, जावेद कमर खां, आनंद विक्रम सिंह, आशीष प्रताप सिंह, ब्रह्मानंद सिंह आदि मौजूद थे। इसी क्रम में छात्रसंघ युवा मोर्चा की पीडब्लूडी डाक बंगले में हुई बैठक में छात्रों पर हुए लाठी चार्ज की घटना को लेकर क्षोभ व्यक्त किया गया। जिलाध्यक्ष भैया अमित सिंह ने कहा कि छात्रहित से जुड़े मसले को लेकर गए छात्रों पर इस तरह से लाठी चार्ज करना पुलिस प्रशासन की घृणित मानसिकता का द्योतक है। लाठी चार्ज करने वाले पुलिस वालों के साथ सदर कोतवाल पर भी जब तक मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता, छात्र चैन से नहीं बैठेंगे। बैठक में ज्ञानेंद्र पांडेय, कृष्ण प्रताप यादव, रवि सिंह, आशुतोष ओझा, संजय वर्मा, विवेक यादव, हैप्पी सिंह, विजेंद्र तिवारी आदि मौजूद थे।

मांगों को नहीं लिया गंभीरता से

छात्रों का आरोप है कि वे प्राचार्य के पास बीस सूत्रीय मांगों को लेकर पहुंचे थे जिसको लेकर बवाल शुरू हुआ। इसमें मुख्य तौर से साइकिल स्टैंड की फीस माफ किए जाने, एमए के प्रवेश फार्म का मूल्य 50 रुपये रखे जाने, मेमोरियल फीस के नाम पर की जा रही अवैध वसूली को बंद करने, अनुसूचित जाति के छात्रों का शून्य बैलेंस पर दाखिला लेने, कालेज में बंद पड़े पानी के आरओ प्लांट को चालू कराने, वाचनालय की व्यवस्था करने, उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति करने तथा बिजली की व्यवस्था करने समेत अन्य कई मांगें शामिल थीं। इसको लेकर छात्र सोमवार को भी आंदोलन किए थे लेकिन न तो कालेज प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया और न जिला प्रशासन ने। मंगलवार को जब मामला काफी बिगड़ गया तो इसको लेकर सभी हलकान रहे।


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