तबाही को बेताब घाघरा का उफान
बलिया : जनपद में घाघरा नदी तबाही मचाने की ओर अग्रसर है। मंगलवार को नदी ने खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बहने के साथ ही टीएस बंधे पर अपना दबाव तेजी से बनाना शुरू कर दिया है। वहीं गंगा के जलस्तर में घटाव होने से तटवर्ती लोगों को काफी राहत मिल गई है। इधर दो दिनों से घाघरा के जल स्तर में तेजी से बढ़ाव होने लगा है। चांदपुर गेज पर खतरा बिंदु 58 मीटर के सापेक्ष नदी 59 मीटर पर बहने से कई गांवों में पानी घुसने लगा है। तिलापुर के पास स्पर का एप्रन नदी में समाहित होने से टीएस बंधा पर पानी का दबाव बना हुआ है। बिल्थरारोड से लेकर जयप्रकाशनगर तक नदी पूरे उफान पर है।
रेवती प्रतिनिधि के अनुसार घाघरा नदी खतरे के लाल निशान 58 मीटर से एक मीटर ऊपर 59 मीटर बढ़ाव पर बह रही है। जलस्तर में वृद्धि के साथ टीएस बंधा के दंतहा व डेंजर जोन तिलापुर में नदी का दबाव बना हुआ है। 68.4 किमी पर बने स्पर के नोज का एप्रन नदी में समाहित होने के कगार पर है। 68.600 किमी प्रधानमंत्री सड़क पर बने स्पर के डाउन स्टीम के ऊपरी हिस्से पर नदी के बने दबाव से कभी भी उसके नीचे का एप्रन नदी में समाहित हो सकता है। स्पर पर बने दबाव को कम करने के लिए विभागीय अधिकारी डाउन स्टीम में बालू भरी बोरी डाल कर रोकने का प्रयास कर रहे हैं। वैसे बाढ़ विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पानी डेंजर लेबल से ऊपर क्रास करता है तो चारों तरफ फैल जाता है। इससे दबाव बंधे पर कुछ कम हो जाता है। घटने पर बंधे पर पुन: प्रेशर बढ़ जाता है। इसके चलते बंधे की सतत निगरानी की जा रहीं है।
नाव की कमी से परेशान हैं बाढ़ से घिरे ग्रामीण
घाघरा के जलस्तर में वृद्धि के चलते फ्लड जोन में बसे नवकागांव, मांझा, देवपुर, मठिया, धूपनाथ के डेरा, बैजनाथ के टोला आदि आधा दर्जन गांवों की 2500 से अधिक आबादी बाढ़ के पानी में चारों तरफ घिर गई है। सरकारी कागजी कार्यवाही के अभाव में अभी नावें नहीं लग पाई हैं। श्रीराम साहनी की दो नाव रतीछपरा ढाला पर सरकारी लिखापढ़ी के अभाव में खड़ी है। वीर बहादुर पासवान ने बताया कि अभी नाव का आदेश नहीं हुआ है, फिर भी अपने स्तर से नाव चला रहा हूं। धूपनाथ के डेरा के लिए अभी पर्याप्त नावें नहीं लग पाई है।
बढ़ाई जाएगी नावों की संख्या : तहसीलदार
बैरिया के तहसीलदार श्रीप्रकाश सिंह ने बताया कि नवकागांव व मांझा के लिए तीन छोटी व धूपनाथ के डेरा के लिए एक नाव लगाई गई है। पानी के बढ़ाव को देखते हुए और नावों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
हाहानाला व तुर्तीपार बंधा संपर्क मार्ग कटा, कई गांव घिरे
बिल्थरारोड (बलिया): घाघरा नदी के जलस्तर में तेजी से हो रहा बढ़ाव मंगलवार को भी जारी रहा। दोपहर एक बजे तक नदी का जलस्तर तुर्तीपार डीएसपी हेड पर खतरा बिंदु से 41 सेंमी. ऊपर तक पहुंच गया। विभाग ने नदी का जलस्तर डेंजर लेवल 64.01 मीटर के सापेक्ष 64.420 दर्ज किया गया। नदी का बढ़ाव आधा सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से है। नदी के दबाव व तेज बहाव के साथ ही उफनती लहरों के थपेड़ों से अब तटवर्ती इलाकों के टीएस बंधा, हाहा नाला-तुर्तीपार बंधा व अन्य संपर्क मार्ग भी क्षतिग्रस्त होने लगे है। बलिया को देवरिया जनपद से नदी के रास्ते जोड़ने वाली भागलपुर पुल की संपर्क सड़क भी नदी के तेज थपेड़ों से क्षतिग्रस्त हो गई। पानी से घिरने से तुर्तीपार के साहनी बस्ती व छोटकी टंगुनिया की हालत दिन पर दिन विकट होती जा रही है। हाहा नाला-तुर्तीपार तटबंध तक नदी का पानी लबालब भर गया है और बंधे के लेबल में ही नदी का तेज बहाव जारी है।
पल-पल की हो रही निगरानी: एसडीएम
एसडीएम रामानुज सिंह ने कहा कि घाघरा नदी के जलस्तर को डेंजर लेवल पार करने के बाद से ही पल-पल की बदलती स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है। सभी 12 बाढ़ चौकियां तटवर्ती इलाकों में सक्रिय है। मंगलवार को बाढ़ क्षेत्र का दौरा कर लौटने के बाद श्री सिंह ने बताया कि भागलपुर पुल के पास मुख्य मार्ग के कटान से क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेजी जा रही है ताकि समय रहते उसे दुरूस्त किया जा सके।
टीएस बंधे पर शरण लेने को मजबूर लोग
सिकंदरपुर (बलिया) : घाघरा नदी का पानी निरंतर बढ़ाव पर होने की वजह से क्षेत्र के दियारा के किसानों में हाहाकार और भगदड़ मच गई है। नदी का पानी तेजी से ऊपरी भागों में चढ़ते जाने से दर्जनों किसानों के डेरे उनमें डूब गए हैं। बाढ़ के पानी में सामानों के डूब जाने से किसानों को काफी क्षति पहुंची है। पिछले 24 घंटे में नदी के जलस्तर में करीब दो फीट की वृद्धि हुई है जबकि दियारा कठौड़ा में ढाही बदस्तूर जारी है। सीसोटार, लीलकर, खरीद, गोसाईपुर, बसारिकपुर दियारों के किसान अपना बचा हुआ सामान लेकर रिंगबंधा तथा टीएस बंधा पर नया आशियाना बनाने लगे हैं। नाव की कमी के कारण बाढ़ में फंसे लोगों को अपने मवेशियों तथा सामानों को बंधों तक लाने में काफी दिक्कत पैदा हो रही है। उधर दियारों में खड़ी अधिकांश फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं। जिनके बचने की संभावना कम ही है। टीएस व रिंग बंधा पर नदी के पुराने छाड़न पानी से लबालब भर गए है जिनसे होकर आवागमन ठप पड़ गया है। दियारों में जाने आने का अब एक मात्र सहारा नाव ही रह गया है।
नवानगर प्रतिनिधि के अनुसार घाघरा नदी के बाढ़ से क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर तबाही लगातार जारी है। दियारा, कठौड़ा, डूंहा तथा चूड़िया पर नदी ने जबरदस्त दबाव बना दिया है। जिससे वहां तेज कटान लगातार जारी है। जलस्तर में लगातार वृद्धि के चलते नदी जंगली बाबा कुटी, परमधाम डूंहा तथा श्री वनखंडी नाथ मठ से सट कर बहने लगी है। मठ की सीढि़यों पर भी पानी चढ़ने लगा है।