चिकित्सक विहीन जेपी के गाव का अस्पताल
जयप्रकाशनगर (बलिया) : जेपी के गाव जयप्रकाशनगर में एक जमाना वह भी था जब यहा दलजीत टोला में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो चिकित्सक, एक एएनएम, फ र्मासिस्ट, स्वीपर आदि सहित तकरीबन आधा दर्जन स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती रहती थी । दवाएं भी भरपूर मात्रा में हमेशा उपलब्ध रहती थीं । खून व पेशाब चेक करने से लेकर हर मर्ज का उपचार यहा होता था। किसी बड़े रोग के उपचार के लिए ही यहां के लोगों को बाहर जाना पड़ता था। यह सब तब की बातें हैं जब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जीवित थे। उनके निधन के बाद तो इस अस्पताल को कोई पूछने वाला है ही नहीं। यह अस्पताल विगत चार वषरें से चिकित्सक के अभाव में बंद पड़ा है। स्थानीय लोग शिकायत भी करें तो आखिर कितनी बार । विगत वर्ष तो यहा का हाल खुद आकर सीएमओ ने भी देखा था। उन्होंने उस समय गाव वालों को भरोसा भी दिया था कि यहा किसी न किसी चिकित्सक की तैनाती हर हाल में शीघ्र की जाएगी, किंतु सब हवा हवाई ही साबित हुआ। अब तो लोग इस अस्पताल की ओर का रूख करना ही भूल चुके है। छोटा मर्ज हो या बड़ा यहा सभी का उपचार झोला छाप डाक्टर ही करते है । दूसरा कोई विकल्प भी तो नहीं है । यहा से छपरा 35 किमी, सोनबरसा 18 किमी व बलिया की दूरी 54 किमी हैं । इमरजेंसी में किसी रोगी को कहीं भी लेकर जाने में घटों लग जाते हैं। ऐसे में पहले कोई भी अपने संबंधित का उपचार कराने के लिए झोला छाप डाक्टर के पास ही ले जाता है। इस क्षेत्र के निवासी गजेंद्र सिंह, विभूति यादव, कामता यादव, टीपन सिंह, जगलाल यादव, धनंजय सिंह, ललन राम, उमाशकर प्रसाद सहित दर्जन भर लोगों ने बताया कि जब तक चंद्रशेखर थे, तब तक वे इस अस्पताल पर विशेष ध्यान रखते थे। अब सभी स्थितिया विपरीत हो चलीं हैं ।
अस्पताल के दायरे में ये गाव
विकासखंड मुरलीछपरा की ग्राम पंचायत कोड़हरा नौबरार में दलजीत टोला में स्थित इस अस्पताल के जिम्मे दलजीत टोला, संसार टोला, शकर नगर, धेनू के टोला, बिंद टोला, टोला काशीराय, जयप्रकाशनगर, बाबू के डेरा, भवन टोला, सठिया, भगवान टोला, दलित बस्ती आदि की लगभग 30 हजार की अबादी है ।
ऊंची इमारत का निर्माण देख हर दिन होती है चर्चा
इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बगल में ही वषरें से एक बड़े 30 बेड के सीएचसी का निर्माण चल रहा है। यह भवन भी पूरी तरह कब तैयार होगा कुछ भी नहीं कहा जा सकता। हा , इस इमारत को देख हर दिन लोगों में चर्चाएं जरूर होती रहती हैं । वजह कि जब यहा पीएचसी चार वषरें से चिकित्सक विहीन है तो उस सीएचसी का क्या हाल होगा। दरअसल यह इमारत भी लगभग आठ वषरें से तैयार हो रही है किंतु इसका कार्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
चारागाह बना अस्पताल परिसर
कहते हैं जिस जगह पर कोई नहीं रहता वहा यूं ही उदासी छा जाती है। कुछ ऐसे ही हाल में अब जयप्रकाशनगर का यह अस्पताल भी है। यहा किसी स्टाफ के नहीं रहने के चलते यह स्थल अब चारागाह में तब्दील हो चला है। दिन हो रात यहा फालतू पशु अपना डेरा जमाए रहते हैं।
जल्द होगी तैनाती : सीएमओ
सीएमओ डा. पीके सिंह ने कहा कि जेपी नगर पीएचसी पर जल्द ही चिकित्सकों की तैनाती कर दी जाएगी। चिकित्सकों की कमी के चलते दिक्कतें पेश आ रहीं हैं।