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डूबी फसलें, घिर गए किसानों के डेरा

By Edited By: Published: Mon, 18 Aug 2014 06:45 PM (IST)Updated: Mon, 18 Aug 2014 06:45 PM (IST)
डूबी फसलें, घिर गए किसानों के डेरा

सिकंदरपुर (बलिया) : उफनाई घाघरा नदी ने क्षेत्र के विभिन्न दियारों में तबाही मचाना शुरू कर दिया है। बाढ़ का पानी तेजी से नदी से निकल दियारों में फैलता जा रहा है। इससे फसलों को भारी क्षति पहुंचने लगी है। किसानों के दर्जनों डेरे पानी में घिरने के साथ ही वहां तक जाने-आने की समस्या पैदा हो गई है। नदी अनेक स्थानों पर टीएस और रिंग बंधा से सट कर बहने लगी। पिछले 24 घंटा में नदी के जलस्तर में करीब तीन फिट की वृद्धि हुई हैं। यह वृद्धि आगे भी जारी रहने की संभावना है। दियारा सीसोटार लीलकर, गोसाइपुर, बसारिकपुर तथा खरीद में हजारों बीघा क्षेत्रफल में खड़ी ज्वार, बाजरा, मकई, धान सब्जियों तथा गन्ना की फसल पानी में डूब गई है। पानी में डूबी यह फसलें बर्बाद हो जाएगी। नदी के दक्षिण तरफ स्थित पुराने छाड़नों में काफी पानी भर जाने से मवेशियों सहित किसानों के आवागमन की कठिनाई बढ़ गई है। इसी के साथ मवेशियों के चारा की भी समस्या पैदा हो गई है। नवानगर प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में घाघरा नदी निरंतर बढ़ाव पर है। नदी पार दियारा कठौड़ा में ढाही लग जाने से जमीन के बड़े-बड़े टुकड़े कट कर गिरते जा रहे है। उधर नदी डूंहा स्थित बनखंडी नाथ मठ के उत्तरी पश्चिमी तथा पूर्वी भग से सट कर बहने लगी है। मठ के पूरब तरफ स्थित परिसर में उत्तरी दीवाल के बाद बनी सीढि़यों पर पानी चढ़ने लगा है। कठौड़ा रेगूलेटर के उत्तर तरफ स्थित मल्लाह बस्ती दो तरफ से पानी से घिर गया है। इससे बस्ती के नागरिकों में हाहाकार मचा हुआ है।

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स्परों पर गंगा की बैकरोल धारा का दबाव

मझौवां (बलिया) : गंगा का जलस्तर सोमवार को दोपहर बाद स्थिर हो गया। गायघाट केंद्र पर 12 बजे गंगा का जलस्तर 57.51 मीटर दर्ज किया गया। प्रात:काल आठ बजे तक आधा सेमी की रफ्तार से बढ़ रही गंगा अपराह्न से स्थिर हो गई। वहीं दूसरी तरफ कटान से चौबेछपरा व श्रीनगर के लोग दहशत में है। डूब क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित पानी के घिरे लोगों की परेशानी यथावत बनी हुई है। मझौवां कटान निरोधक स्थल पर बने स्परों व संवेदनशील स्थल कटान मंदिर हुक्म छपरा के पास स्परों का अप व डाउन स्ट्रीम में बैकरोल धारा का दबाव बना हुआ है। पानी से हरी सब्जी व परवल नष्ट होने से कृषकों में मायूसी छा गई है।


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