बुलंदशहर से गंगासागर तक दम तोड़ रही गंगा: रमाशंकर
बलिया : गंगा के अनसुलझे सवालों का समाधान केंद्र में सत्तासीन होने वाली अगली सरकार के बस की भी बात नहीं। राष्ट्र के सारे दलों में जीवन जीने के लिए वांछित संभावनाओं के प्रति न तो कोई गंभीरता है और न ही उत्सुकता। उक्त बातें गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने बिहार के (बक्सर) स्थित राम रेखा घाट पर गंगा की दुर्दशा विषयक विमर्श में भाग लेकर बलिया लौटने पर मंगलवार को पत्रकारों के समक्ष कीं। कहा कि पर्यावरण की चिंता सिर्फ मौसम विज्ञानियों के चिंतन का विषय मात्र रहा गया है। यही नहीं बल्कि राष्ट्र को विकास के पथ पर अग्रसर करने का दम भरने वाले दल भी गंगा के लिए जुबानी जमा खर्च से आगे नहीं सोचते। कहा कि राष्ट्रीय गंगा बेसिन प्राधिकरण के जरिए खर्च की गई राशि भी ब्रह्मा के कमंडल में लौटती गंगा के दर्द की दवा नहीं खोज सकी। जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गंगा सागर तक गंगा दम तोड़ रही हैं। उन्होंने फिर दोहराया कि टिहरी बांध से गंगा की हो रही हानि पर पर्यावरण विशेषज्ञों के सुझाव को नजरअंदाज करने से भारत में जीवन की कठिनाइयां और भयावह होंगी।