आलू की फसल पर मौसम की मार
बलिया : आलू की फसल इस वर्ष बहुत ही अच्छी थी। अगैती फसल पर रोग ब्याध का भी असर नहीं रहा और जिस अंदाज में ऊपर पौधे लहलहा रहे थे उसी अनुपात में जमीन के अंदर आलू भी आकार ग्रहण किए। अब क्या कहें दैव टेढ़े हुए और माघ फागुन की बरसात ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेरना शुरू कर दिया। आलू की पैदावार इतनी कच्ची होती है कि तैयार होने के बाद पानी बर्दास्त करने की उसकी रत्ती भर भी क्षमता नहीं रहती और थोड़ी नमी पर भी सड़ने लगती है। जिले में अच्छी पैदावार के बावजूद पूंजी निकलने के प्रति भी किसान आशंकित हो चले हैं।
सिकंदरपुर प्रतिनिधि के अनुसार आलू की फसल अगैती तो बैठी और पकने के बावजूद बर्बाद होने की ओर अग्रसर है। पिछैती में बरसात जनित झुलसा ने क्षेत्रीय किसानों की कमर ही तोड़ दिया है। झुलसा का सर्वाधिक प्रकोप क्षेत्र के मुस्तफाबाद, डूहा, लेहरा, सीवानकलां, शेखपुर, महथापार, काजीपुर, गांगकिशोर आदि दर्जनों गांवों में हुआ है। इन जगहों के किसान भविष्य में आलू की काश्त करने से अभी से तौबा करने लगे हैं। झुलसा के कारण आलू की कोमल पत्तियां जल गई हैं। उसका आकार घटने से उत्पादन कम हो गया है। खेतों से निकाले जा रहे आलू का प्राकृतिक रंग बदल गया है और उसमें चमक नहीं रह गई है। शेखपुर गांव के किसान गौरीशंकर चौरसिया, रामचंद्र वर्मा, राजेंद्र चौरसिया, सीवानकलां के जयराम शर्मा, हरींद्र शर्मा, मोहल्ला मिल्की के रामजन्म वर्मा, गांगकिशोर के राजकुमार वर्मा, मुस्तफाबाद के रामजी ने बताया कि इस वर्ष उन्हें उत्पादन का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाएगा। महंगे बीज खरीद कर आलू की बुवाई की गई। बताया कि रंग बदलने तथा आकार छोटा हो जाने से उसका बाजार भाव भी कम हो जाएगा।
बैरिया प्रतिनिधि के अनुसार इस वर्ष द्वाबा में आलू का रिकार्ड उत्पादन होने की उम्मीद से किसानों के चेहरे अब तक खिले हुए थे अब बेमौसम की कई बरसात ने किसानों की पेशानियों पर बल डाल दिए हैं।
इस वर्ष बैरिया तहसील क्षेत्र के लगभग 25 हजार एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में किसानों ने आलू की खेती की है। जाड़े में बेमौसम की बरसात से अगैती आलू पर पाला का असर नहीं हो पाया था, जहां देखिए आलू की फसल खेतों में लहलहा रही थी किंतु पिछले दिनों से हो रही बरसात से अब आलू की फसल खराब होने की संभावना बढ़ गई है। जिससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। किसानों का कहना है कि बरसात से पूर्व आलू की फसल बिल्कुल ठीक थी किंतु अब बेमौसम बरसात से आलू की फसल बर्बाद होने लगी है। नमी खा चुके आलू के भंडारण में भी समस्या आएगी।