क्रय केंद्रों पर डंप है 3229 मीट्रिक टन धान
बहराइच : भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों द्वारा तीन प्रतिशत ब्रोकेन चावल का ही भंडारण कराये जाने पर अड़े रहने के कारण चावल मिलों ने सरकारी धान केंद्रों पर खरीदे गए धान से चावल कुटाई का काम लगभग बंद कर दिया है। इस कारण धान क्रय केंद्रों पर 32290 क्विंटल धान डंप हो गए हैं। बड़ी मात्रा में धान के डंप होने से धान क्रय केंद्र प्रभारियों ने धान की खरीद बिल्कुल बंद कर दी है और वे इस बाद पर अड़ गए हैं कि पहले खरीदे गए धान की उठान चावल मिलों को कराई जाए तभी आगे खरीद करेंगे। इस कारण धान उत्पादक परेशान हो रहे हैं।
जिले में समर्थन मूल्य योजना अन्तर्गत 72 धान खरीद केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों के माध्यम से सरकार ने 50 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य आवंटित किया है। धान केंद्रों को खुले दो माह से अधिक समय बीत चुका है। इसके बावजूद धान की खरीद बहुत ही नगण्य है। अब तक मात्र 3959 मीट्रिक टन भांग की खरीद हुई है। इसमें से मात्र 730.4 मीट्रिक टन ही धान चावल मिलों को कुटाई के लिए भेजा जा सका है और शेष धान अभी क्रय केंद्रों पर ही पड़ा है। इससे धान केंद्र प्रभारियों की उलझने बढ़ गई हैं। स्थिति यहां तक खराब हो गई है कि केंद्र प्रभारियों ने डंप धान की उठान तक धान खरीद न करने का निर्णय लिया है। फखरपुर विकास क्षेत्र के अली नगर के कृषक विश्राम विश्वकर्मा ने बताया कि एक सप्ताह से वह एसएफसी के क्रय केंद्र फखरपुर का चक्कर लगा रहे हैं। कई दिनों की टालमटोल के बाद केंद्र प्रभारी रामदीन उन्हें लिखित अवगत कराया है कि धान केंद्र से मिल अटैच न होने के कारण धान की खरीद तब तक नहीं करेंगे जब तक केंद्र पर डंप धान की उठान नहीं हो जाती है। कमोबेश यही स्थिति सभी क्रय केंद्रो की है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी सानंद द्विवेदी ने बताया कि जिले में धान कुटाई के लिए 43 चावल मिलों ने अनुबंध किया है। इनमें से केवल 17 चावल मिलों ने बैंक गारंटी प्रपत्र दाखिल किया है। इस कारण मात्र 730.4 एमटी धान की उठान चावल मिलों को हो चुकी है।
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