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पानी नहीं, गंदगी से अटा तालाब

बहराइच : शिवराजपुर में स्थित तालाब में पानी के बजाय झाड़-झंखाड़ ही नजर आ रहे हैं। इससे पशु-पशुओं को प

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 11:27 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 11:27 PM (IST)
पानी नहीं, गंदगी से अटा तालाब

बहराइच : शिवराजपुर में स्थित तालाब में पानी के बजाय झाड़-झंखाड़ ही नजर आ रहे हैं। इससे पशु-पशुओं को प्यास बुझाने के लिए भटकना पड़ रहा।

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फखरपुर ब्लॉक का शिवराजपुर का तालाब राष्ट्रीय राजमार्ग के बगल में स्थित है। यह तालाब सैकड़ों वर्ष पुराना है। देखरेख के अभाव में इसका अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है। तालाब के दोनों ओर झाड़-झंखाड़ उगे हैं। कुछ लोग मकान बनाकर रहने भी लगे हैं। जलकुंभी व झाड़-झंखाड़ से पटे इस तालाब का निशान मिटने के कगार पर पहुंचता जा रहा है। प्रदेश सरकार और सुप्रीम कोर्ट भले ही जल संरक्षण को लेकर तालाबों को पुराने स्वरूप में लाने के लिए फिक्रमंद हो, लेकिन यहां के जिम्मेदार लोग आंखें बंद किए हुए हैं। आदर्श जलाशय योजना के तहत तालाबों का सुंदरीकरण कराया गया। लाखों रुपये खर्चे जाने के बाद भी तालाबों की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। कभी कमल के फूलों से सुवासित रहने वाला तालाब जलकुंभी व सेवार से पट गया है। अतिक्रमणकारियों ने भी इसके अस्तित्व के साथ खिलवाड़ किया। गांव के राकेश वर्मा वर्मा कहते हैं कि कई बार इस तालाब का मिट्टी पटाई कार्य किया गया, लेकिन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सका। भगवानदीन मिश्र कहते हैं कि देखरेख के अभाव में इसके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। समाजसेवी राजेश तिवारी कहते हैं कि पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक होना चाहिए। बबलू ¨सह बताते हैं कि तालाब पर अतिक्रमण के चलते इसका रूप बदरंग हो गया है खरगू तिवारी कहते हैं कि भूजल के मुख्य स्त्रोतों का मूल रूप से बनाए रखना चाहिए। इस काम पर जनप्रतिनिधियों को विशेष ध्यान देना चाहिए।


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