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नब्ज पर हाथ रखते ही टूट जाती है खामोशी

बहराइच : जिले में परिसीमन के बाद नवसृजित हुई मटेरा विधानसभा क्षेत्र में समस्याओं की फेहरिस्त लंबी है

By Edited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 12:20 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jan 2017 12:20 AM (IST)
नब्ज पर हाथ रखते ही टूट जाती है खामोशी
नब्ज पर हाथ रखते ही टूट जाती है खामोशी

बहराइच : जिले में परिसीमन के बाद नवसृजित हुई मटेरा विधानसभा क्षेत्र में समस्याओं की फेहरिस्त लंबी है। वर्ष 2012 में हुए विधान सभा चुनाव में जीते यासर शाह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। क्षेत्रीय विधायक को लालबत्ती मिलने से मटेरा वासियों को विकास की उम्मीदें जगी। कुछ हद तक तो इस विधानसभा क्षेत्र की सूरत तो बदली, लेकिन सीरत नहीं। ¨सचाई, रोजगार, पेयजल, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए यहां के लोग आज भी राह ताक रहे हैं। अधिकांश राजकीय नलकूप मरम्मत के अभाव में बंद पड़े हैं। अस्पतालों में चिकित्सकों का अभाव है। सैकड़ों इंडिया मार्का हैंडपंप रीबोर लायक हैं। विधानसभा क्षेत्र में अग्निशमन केंद्र न होने के कारण हर वर्ष सैकड़ों आशियाने जलकर राख हो जाते हैं। खेल प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए मटेरा विधानसभा क्षेत्र में स्टेडियम तक नहीं है। परिवहन सुविधाओं से महरूम है।

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किए गए वादे

- पूरे विधानसभा क्षेत्र की सड़कें चमाचम होंगी।

- शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा।

- क्षेत्र में पर्याप्त परिवहन को व्यवस्था।

- रोजगार के साधन बढ़ाए जाएंगे।

- गरीब, विधवा, वृद्धा, विकलांगों को सरकार की योजनाओं का लाभ।

- विधानसभा क्षेत्र में बिजली आपूर्ति में सुधार होगा।

- स्वच्छ पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता रहेगी।

वादो की हकीकत

- कुछ मार्गों को छोड़कर सड़कों में काफी हद तक सुधार।

- महिला महाविद्यालय का अभाव।

- अग्निशमन केंद्र की स्थापना नहीं।

- परिवहन के पर्याप्त संसाधन नहीं।

- स्टेडियम की स्थापना नहीं।

- बिजली के क्षेत्र में सुधार हुआ।

- ¨सचाई के लिए राजकीय नलकूपों की स्थापना।

- स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों का अभाव।

- ग्राम पंचायत सचिवों की कमी।

विधायक ने गिनाईं उपलब्धियां

क्षेत्र के सपा विधायक व कैबिनेट मंत्री यासर शाह का दावा है कि सड़कों के निर्माण व मरम्मत में करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

- कई प्रमुख मार्गों का चौड़ीकरण हुआ है।

- ¨सचाई के लिए करीब 48 राजकीय नलकूपों की स्थापना हुई है।

- रोडवेज बस स्टैंड व कार्यशाला बनाने का प्रस्ताव।

- आठ मॉडल स्कूलों का निर्माण कराया।

- विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए आधा दर्जन सब स्टेशन बनवाए।

- 90 प्रतिशत गांवों में विद्युतीकरण।

- चार पालीटेक्निक का निर्माण व महिला महाविद्यालय का निर्माण व पीएचसी का निर्माण कराया।

राजनीतिक सफर

विधायक यासर शाह को वैसे तो राजनीति विरासत के रूप में मिली है। उन्होंने एमबीए की पढ़ाई के बाद वर्ष 2005 में पहली बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। वर्ष 2007 में सपा के टिकट पर नानपारा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए। इसके बाद 2012 में विधानसभा चुनाव में जिले में नवसृजित हुई मटेरा विधानसभा से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और विजयी हुए सरकार में पहले ऊर्जा राज्यमंत्री, फिर परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार मिला। बाद में कैबिनेट मंत्री बने।

परीक्षकों के अंक

यशवंत 6/10

आलोक कुमार ¨जदल 5/10

इंद्र प्रताप ¨सह ¨रकू 10/10

फारूक 6/10


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