गुम हो रही फरियादियों की आवाज
बहराइच : शहर से लेकर गांव तक पंचायत चुनाव का शोर मचा है। कोई गांव की सत्ता हथियाने की जुगत में है तो
बहराइच : शहर से लेकर गांव तक पंचायत चुनाव का शोर मचा है। कोई गांव की सत्ता हथियाने की जुगत में है तो कई क्षेत्र में अपनी पहचान दर्ज कराने में लगा है। चुनावी माहौल में जनता को लुभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही। चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराने में जिला प्रशासन रात दिन एक किए हुए है। स्थानीय लोकतंत्र की इस जोर आजमाइश में न्याय पाने की उम्मीद में धरना स्थल पर धरना दे रहे फरियादियों की आवाज कहीं गुम सी हो गई है।
तहसील व विकासखंड महसी के ग्राम लोधौनी के रहने वाले गिरिजादयाल अपनी पत्नी मालती देवी के साथ बीते डेढ़ महीने से धरना स्थल पर मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। बताते हैं कि गांव के विपक्षियों ने चुनावी रंजिश के चलते परिवार के ऊपर 156 /3 का मुकदमा दर्ज करा दिया। परिवार रजिस्टर में फर्जी नाम दर्ज कराकर खेत की जोताई करने से रोक दिया गया। स्थानीय थाने में सुनवाई न होने पर बीते 18 अगस्त से धरने पर बैठे हुए हैं। अब तक मांगों पर सुनवाई न होने पर अफसोस जताते हुए उन्हें मलाल इस बात का भी है जनता के भावी प्रतिनिधि बनने के लिए जुटी भीड़ में से भी कोई हालचाल तक लेने नहीं आया । बीते 16 सितंबर से धरनास्थल पर महसी के ही ग्राम खसहा मुहम्मदपुर निवासी रामसहाय पत्नी व बच्चों के साथ धरने पर बैठे हैं। उनके घर के मुख्य दरवाजे से होकर जाने वाला रास्ता विपक्षियों ने बंद कर रक्खा है अब तक कोई सुनवाई न होने से परेशान पत्नी कांतिदेवी कहती हैं कि चुनाव के शोर में हमारी आवाज गुम ही हो गई है। नामांकन शुरू होने के बाद से कोई सुधि लेने नहीं आया। शहर के मोहल्ला सूफीपुरा थाना कोतवाली देहात निवासी पवन प्रताप ¨सह ने मांगों को लेकर बीते दो अक्टूबर से धरनास्थल पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उनका कहना है कि तीन दिनों में प्रशासन ने प्रभावी कार्यवाही नहीं की तो वह आत्मदाह कर लेंगे।