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नियम कानून ताक पर, पैथालॉजी टाप पर

बहराइच : शहर मुख्यालय सहित जिले के अन्य बाजारों व कस्बों में संचालित हो रहे स्वास्थ्य केंद्रों के इर

By Edited By: Published: Tue, 28 Jul 2015 09:39 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2015 09:39 PM (IST)
नियम कानून ताक पर, पैथालॉजी टाप पर

बहराइच : शहर मुख्यालय सहित जिले के अन्य बाजारों व कस्बों में संचालित हो रहे स्वास्थ्य केंद्रों के इर्दगिर्द ही पैथालॉजी सेंटरों का संचालन जिम्मेदारों की लापरवाही से कराया जा रहा है। खुलेआम मरीजों की जेब पर डाका डाल रहे पैथालॉजी सेंटरों के मालिक नियम-कानूनों को ताक पर रखकर पैथालॉजी टॉप पर संचालित कराने की प्रतिस्पद्र्धा में लगे नजर आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग नियमों को दरकिनार कर चल रहे पैथालॉजी सेंटरों पर कार्रवाई के बजाय मामले में मौन साधे हुए है।

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मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के दस्तावेजों की मानें तो जिले में 30 पैथालॉजी सेंटर पंजीकृत हैं। लेकिन हकीकत कुछ और ही दास्ता बयां कर रही है। जिम्मेदार अधिकारी यदि शहर में ही भ्रमण कर लें तो जिले के पंजीकरण का आंकड़ा पता चल जाएगा। सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात चिकित्सक जांच के लिए अपने ही से¨टग वाले पैथालॉजी सेंटर पर मरीजों को भेज रहे हैं। बाकायदा इसके लिए जिला अस्पताल में इन सेंटर संचालकों के कार्यकर्ता भी सक्रिय हैं, जो चिकित्सक की सलाह के बाद सीधे उसे पैथालॉजी सेंटर पहुंचा रहे हैं। यदि मरीज अपनी आर्थिक स्थिति को सोच कर कहीं दूसरे पैथालॉजी से जांच करा लेता है तो उस रिपोर्ट को संबंधित चिकित्सक गलत ठहराने में गुरेज नहीं करते। सूत्रों की मानें तो जिले में संचालित पैथालॉजी सेंटरों पर न तो खून के विभिन्न नमूनों के जांच रेट की सूची लगी है और न ही पैथालॉजी संचालकों के नाम एवं लाइसेंस धारक का नाम। पैथालॉजी सेंटरों पर ज्यादातर अप्रशिक्षित व नाबालिगों द्वारा खून के नमूने लेकर कभी भी देखा जा सकता है, जो मरीजों की ¨जदगी के लिए कभी भी घातक साबित हो सकते हैं। इन पैथालॉजी संचालकों द्वारा जांच के नाम पर मरीजों से सरकारी मूल्य से कई गुना अधिक शुल्क वसूला जाता है। विभागीय सूत्रों की मानें तो पैथालॉजी संचालकों तथा स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात चिकित्सकों के बीच एक निर्धारित कमीशन तय है। पैथालॉजी संचालक एक रजिस्टर बनाकर विभिन्न चिकित्सकों द्वारा लिखे गए जांच की इंट्री अपने एक रजिस्टर पर किया करते हैं। जिसके आधार पर समय-समय पर कमीशन का भुगतान चिकित्सकों को किया जाता है। जागरूकता की कमी होने के कारण गरीब मरीजों की संख्या ऐसे पैथालॉजी केंद्रों पर अधिक दिखाई देती है। लेकिन अफसोस है कि पैथालॉजी संचालक मरीजों की गरीबों का ख्याल न रखकर इनकी जेबों पर डाका डालने पर कोई कोरकसर बाकी नहीं छोड़ते।

-समय-समय पैथालॉजी सेंटरों की जांच की जाती है। नियमों को दरकिनार कर संचालित किए जा रहे पैथालॉजी सेंटरों की सूची तैयार कराने के निर्देश दिए गए हैं। सभी चिकित्सकों को इस बात के भी सख्त निर्देश हैं कि मरीजों की जांच स्वास्थ्य केंद्रों पर ही कराया जाय। मामले में लापरवाही उजागर होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

-डॉ.कुलभूषण जैन

सीएमओ बहराइच


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