टूटी पुलिया ने रोक दी तरक्की की रफ्तार
बहराइच : एक पुलिया क्या बही मिहींपरवा के निवासियों की रोजगारपरक दुनिया ही़ उजड़ गई। साल भर बीतने के ब
बहराइच : एक पुलिया क्या बही मिहींपरवा के निवासियों की रोजगारपरक दुनिया ही़ उजड़ गई। साल भर बीतने के बावजूद गत वर्ष बाढ़ में बही पुलिया निर्माण की प्रशासन ने अब तक सुधि न ली। कई गांवों के लोगों का अवागमन तो बाधित है ही यहां की मशहूर परवल मंडी उजड़ चुकी है। इससे लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। लोगों के कई बार हाकिमों के आगे अपनी पीड़ा बयां करने के बावजूद अब तक
पुलिया का पुनर्निर्माण नहीं कराया गया। इससे यहां लगभग 50 हजार आबादी प्रभावित है।
गत वर्ष अगस्त माह में आई भीषण बाढ से मिहींपुरवा से रजनवा बार्डर तक की मुख्य सड़क पर बनी पुलिया टूट जाने से बिचपरी, गौरा पिपरा, भगड़िया, रजनवा बार्डर, चोरवा गांव के निवासियों बेहाल हो चुके हैं। प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सड़क व पुल पुलिया की मरम्मत न हो पाने से भगड़िया चौराहे पर लगने वाली परवल मण्डी भी उजड़ गयी है, जिससे स्थानीय किसानों को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है।
प्रदर्शन कर नागरिकों ने जताई नाराजगी
-क्षेत्रीय नागरिकों ने प्रदर्शन कर पुलिया व सड़क निर्माण में विलंब को लेकर नाराजगी जताई और कहा कि एक पखवारे में सड़क व पुलिया न बनी तो बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। दिलीप गुप्त व विनोद गौतम का कहना है कि अत्यंत पिछड़ा होने के कारण एक तो रोजगार के साधन कम हैं, दूसरे यहां की नकदी फसल परवल की मंडी उजड़ जाने के कारण सामान्य किसानों के लिए बाहर लेकर परवल बेंच कर लाभ कमाना मुश्किल साबित हो रहा है। राजेश पोरवाल, उमाशंकर गौतम, सतेंद्र राय, राजू शर्मा, कुलदीप ¨सह, हनीफ, असगर अली ग्रामीणों एक स्वर से सड़क व पुल बनवाने की मांग राज्य सरकार से की और कहा कि अब खामोश रहना नामुमकिन हो गया है।