जिला कारागार में बंदी की मौत पर हंगामा
बहराइच : जरवलरोड थाने से चोरी के आरोप में जिला कारागार में निरुद्ध किए गए बंदी की शनिवार सुबह मौत हो
बहराइच : जरवलरोड थाने से चोरी के आरोप में जिला कारागार में निरुद्ध किए गए बंदी की शनिवार सुबह मौत हो गई। इस मामले में कारगार प्रशासन पर बंदी की हत्या आरोप लगा परिवारीजनों ने मच्र्युरी के पास जमकर हंगामा काटा। सूचना पाकर कोतवाली नगर प्रभारी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित परिवारीजनों को शांत कराया। परिवारीजनों ने जरवलरोड थाने की पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े किए हैं।
जरवल पुलिस ने बीते चार जून को जरवल कस्बे के मुहल्ला तकिया निवासी तालिब (28) पुत्र रफीक खां को चोरी के आरोप में जेल में गिरफ्तार किया था। शनिवार को युवक की हालत बिगड़ने की बात कह कारागार प्रशासन ने उसे उपचार के लिए जिला चिकित्सालय भेजा। बंदीरक्षक रामप्रकाश शर्मा व रामकरन चौधरी प्रात: 5.45 बजे जिला चिकित्सालय लेकर उपचार के लिए पहुंचे। यहां मौजूद चिकित्सक ने बंदी को मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर पहुंचे आक्रोशित परिवारीजनों ने कारागार प्रशासन पर तालिब की हत्या कर मामले को दबाने का आरोप लगाया। हंगामा बढ़ता देख सूचना पाकर तहसीलदार सदर धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, नगर कोतवाली प्रभारी राजेंद्र कुमार वर्मा, कानूनगोपुरा चौकी प्रभारी शेषमणि पांडेय दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे।
फर्जी फंसाने का आरोप : मृतका की बड़ी बहन अकीला ने जरवल कस्बा चौकी प्रभारी पर भाई को फर्जी चोरी के मामले में फंसाने का आरोप लगाया। उसका कहना है कि जिस समय चोरी की वारदात हुई उसके एक हफ्ता पहले उसका भाई दिल्ली के सुभाषनगर में नौकरी के सिलसिले में गया हुआ था। आरोप है कि चौकी प्रभारी ने पहले तो मामले में दो हजार रुपये की मांग कर उसका नाम निकालने की बात कही थी, लेकिन राजनीतिक दबाव में निर्दोष होने के बावजूद जेल भेज दिया।
कारागार में हुआ शोषण
-बंदी के परिवारीजनों का कहना था कि कारागार में उसे प्रताड़ित कर पैसे की मांग की जा रही थी। दो हजार रुपये इस बात के लिए मांगे जा रहे थे कि उसे कोई काम नहीं करना पड़ेगा। पैसे समय पर न दिए जाने पर उसे भंडारखाने में लगाया गया था। पिटाई से उसकी मौत हो गई है।
चिकित्सक बोले
-जिला कारागार में निरुद्ध बंदी तालिब की मौत के मामले में जिला कारागार में तैनात चिकित्सक डॉ.प्रताप गौतम ने बताया कि बंदी देर रात प्रतिदिन की तरह खाना खाकर स्वस्थ हालत में सोया था। भोर में जब साथी उसे जगाने लगे तो वह अचेतावस्था में लगा। उपचार के लिए तत्काल उसे जिला चिकित्सालय भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई।
आरोप निराधार : जेल अधीक्षक
-जेल अधीक्षक ललितमोहन पांडेय ने कहा कि परिवारीजनों द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार है। उन्होंने कहा कि न तो बंदी से कोई सुविधा शुल्क की मांग की गई थी और न ही उसकी पिटाई हुई थी। उन्होंने कहा कि बंदी की मौत सदमे के चलते होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि जो भी सच्चाई है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अपने आप उजागर हो जाएगी।