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गूंजते रहे जयकारे मां के मंदिरों में

बहराइच : शहर और गांव के मंदिरों में दिन भर मां शेरावाली के जयकारों से गूंजते रहे। कहीं लोगों ने प्रस

By Edited By: Published: Thu, 26 Mar 2015 10:52 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2015 10:52 PM (IST)

बहराइच : शहर और गांव के मंदिरों में दिन भर मां शेरावाली के जयकारों से गूंजते रहे। कहीं लोगों ने प्रसाद व नारियल चढ़ाकर मां को प्रसन्न किया तो कहीं साधना स्तुति कर मां से भक्ति और शक्ति का वरदान मांगा। देवीजागरण में भक्तों की भारी मौजूदगी रही।

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नवरात्र के अंतिम दौर में पहुंचने के साथ देवी मंदिरों में गुरुवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की गई। शहर के मरीमाता मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। नवरात्र पर मां के दरबार आए महिलाओं, पुरुषों, बच्चों में विशेष उत्साह रहा। देवी के जयकारे लगाते हुए भक्तों ने मां की प्रतिमा पर पुष्प, दीप नारियल चढ़ाकर पूजा की। शहर के संहारिणी माता मंदिर, सतीमाता मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी लोगों का तांता लगा रहा। ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों में भी दिन भर पूजन अर्चन लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। जरवल संवादसूत्र के अनुसार देवीथान, समयथान, ललिता देवी मंदिर में महिलाओं ने व्रत पजन कर सुख समृद्धि की कामना की।

देवी जागरण में जुटे भक्त : शहर के नवागढ़ी मुहल्ले स्थित मून एंड सन पब्लिक स्कूल के परिसर में विशाल देवी जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बरेली से आई मां के दरबार की झांकी लोगों में विशेष आकर्षण का केद्र रही। रात भर मां के भजनों का श्रद्धालुओं ने आनंद उठाया। मुख्य अतिथि स्कूल प्रब्रंधक एसपी मिश्र ने कहा कि यह पहला आयोजन था। आने वाले समय में इससे भी अधिक भव्य जागरण का आयोजन किया जायेगा। इस मौके पर राजन शर्मा, कमल शुक्ला, नीरज शुक्ल, रजत कुमार मौजूद रहे।

निकाली गई कलश यात्रा

नानपारा : नगर के प्रतिष्ठित विश्वनाथ मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई। नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए कलश यात्रा समय माता मंदिर के पास स्थित बद्रीदास समाधि पर जाकर समाप्त हुई। कलश शोभा यात्रा में काली माता मंदिर के 82 वर्षीय पुजारी जग्गनाथ अपने सिर पर जलता हुआ कुड लेकर आगे आगे चल रहे थे। हवन पूजन के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ। इस मौके पर राजू चौरसिया, अनूप गुप्ता, रामेश्वर प्रसाद गुप्ता, हरिशंकर गुप्ता आदि मौजूद रहे। परंपरा से कुंआरी कन्याओं को मां का स्वरूप मानकर पूजन व भोजन कराया जाता है।

हवन व कन्या भोज शुरू : नवमी तिथि नजदीक आते ही घरों में व्रत का पारण करने के तैयारियां जोरों पर है। नवरात्र पर्व में परंपरा से कुंआरी कन्याओं को मां का स्वरूप मानकर पूजन व भोजन कराया जाता है। हवन से पहले होने वाले नौ कन्याओं को भोजन कराने का क्रम गुरुवार से ही प्रारम्भ हो गया। यह नवरात्र की समाप्ति तक चलता रहेगा।


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