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विनीता ने परिवार को बनाया आत्मनिर्भर

नानपारा(बहराइच) : आर्थिक तंगी से झंझावतों से जूझ रहे परिवार के लिए विनीता तारनहार बन गई। पुरुष प्रध

By Edited By: Published: Thu, 08 Jan 2015 12:50 AM (IST)Updated: Thu, 08 Jan 2015 12:50 AM (IST)
विनीता ने परिवार को बनाया आत्मनिर्भर

नानपारा(बहराइच) : आर्थिक तंगी से झंझावतों से जूझ रहे परिवार के लिए विनीता तारनहार बन गई। पुरुष प्रधान समाज में विनीता ने परंपराओं को तोड़ कठोर परिश्रम कर दम तोड़ रही किराना की दुकान को रोजी-रोटी का साधन बनाया। परिवार में उत्साह और जज्बा भरा। देखते ही देखते परिवार को आर्थिक तंगी निजात मिल गई।

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नानपारा नगर में विनीता टेकड़ीवाल की पहचान परिवार के मुश्किलों को आसान करने के लिए जाना जाता है। इन्होंने अपना आत्मबल तब कमजोर नहीं होने दिया, जब पति मुश्किल घड़ी में आ गए और व्यवसाय चलाने में अपने आपको अक्षम महसूस करने लगे। ऐसे में विनीता ने अपने पति को सहारा दिया और किराना दुकान का संचालन अपने हाथों में संभाल लिया। परिवार में दो बच्चों व पति के साथ यह खुशहाली का जीवन व्यतीत कर रही हैं। घर की जिम्मेदारियों के साथ ही दुकान संचालन में इन्हें दिक्कतें नहीं हैं। बकौल विनीता परास्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद पिता ने वर्ष 2004 में नानपारा के विनोद टेकड़ीवाल के साथ इन्हें दांपत्य सूत्र में बांध दिया। बिहार के जयनगर की रहने वाली विनीता जब नानपारा पहुंची तो कुछ ही दिनों बाद खुशियों के कदम ठिठक गए। पति का स्वास्थ्य इस कदर खराब हुआ कि घर के साथ-साथ दुकान की बागडोर को अपने हाथ में लेना के लिए सोचना पड़ा। इन्होंने इस कार्य को चुनौती के रूप में लिया और अब यह आसान सी राह हो गई है। बातचीत में विनीता कहती हैं कि गृहणी शब्द को अब बदल देना चाहिए।


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