गलन नहीं दूर कर पाई गुनगुनी धूप
बहराइच : बादल की ओट पर छिपे सूर्य देवता का रविवार को लोगों ने दर्शन किया। दिन भर धूप निकली रही। गुनग
बहराइच : बादल की ओट पर छिपे सूर्य देवता का रविवार को लोगों ने दर्शन किया। दिन भर धूप निकली रही। गुनगुनी धूप का लोगों ने आनंद लिया, लेकिन गलन धूप पर भारी रही। ठिठुरन और कंपकंपी बनी रही। अलाव के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।
तराई में कड़ाके की ठंड के सितम से रविवार को थोड़ी सी राहत सूरज ने दी। धूप निकली। महिलाओं ने घरेलू कामकाजों को निपटाया और धूप में कपड़े सुखाए। धूप के बावजूद शीतलहर के थपेड़ों से पारा नीचे ही बना रहा। गलन और ठिठुरन से लोग बेजार रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में अलाव न जलने की शिकायतें बढ़ रही हैं। शहर में जरूर नगरपालिका ने अलाव जलवाकर राहत देने की कोशिश की है। लेकिन यह लोगों को राहत देने में नाकाफी साबित हो रही है।
इनसेट : कड़ाके की ठंड में नहीं जले अलाव
पयागपुर/रुपईडीहा : दिसंबर की शुरुआत से ही पड़ रही हांड कंपाऊ ठंड दिन का जीना मुश्किल किए हुए हैं। बावजूद इसके क्षेत्र में एक भी स्थान पर न तो अलाव जले हैं और न ही गरीबों में गर्म कपड़ों व कंबलों का वितरण हुआ है। सबसे खराब हालत दिहाड़ी मजदूरों, ठेलिया, रिक्शा व तांगा वालों की है। क्षेत्र में कहीं भी न तो अलाव जल रहे हैं और न ही गरीबों में कंबलों का वितरण हुआ है। ऐलो निवासी रामलली, पंडितपुरवा की कबूतरा देवी, नूरपुर की अनुसुइया, रामदीन व शिवनरायन का कहना है कि सरकारी इमदाद हर वर्ष की भांति लगता है जनवरी मध्य के बाद आएगी। इन गरीबों का कहना है कि एसी कमरों में बैठकर कागजी योजनाएं बनाने वाले साहब जब गरीब की झोपड़ी के अंदर जाएं तब सही बात उन्हें मालूम होगी। क्षेत्र के तमाम अभिभावकों ने निजी विद्यालयों में भी जाड़े की छुट्टी दिए जाने की मांग की है। उधर रुपईडीहा सीमा पर स्थित नेपालगंज रेलवे स्टेशन, सेंट्रल बैंक तिराहा व प्राइवेट बस स्टैंड भीड़ भाड़ वाले स्थान हैं। लेकिन इन स्थानों पर अलाव न जलने से भारत के साथ-साथ नेपाली से आने वाले यात्री भी परेशान रहते हैं।