दावे नहीं, धरातल पर बदलिए समग्र गांव की तस्वीर
बहराइच: गांवों की तस्वीर को संवारने के लिए सरकार ने हर विकास खंड के कुछ गांवों को चयनित कर उन्हें सम
बहराइच: गांवों की तस्वीर को संवारने के लिए सरकार ने हर विकास खंड के कुछ गांवों को चयनित कर उन्हें समग्र ग्राम व लोहिया ग्राम को दर्जा देकर वहां विकास कार्य कराने को कहा। विकास योजनाओं को गांवों में धरातल पर लाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिये। लेकिन यह फरमान जमीन पर उतरता नहीं दिख रहा है। दो विकास खंडों का जिक्र कर रहे हैं। एक है चित्तौरा तो दूसरा पयागपुर।
विकास खंड चित्तौरा अन्तर्गत बनवारी गोपालपुर को वर्ष 2012-13 अन्तर्गत समग्र ग्राम के लिए चयनित किया गया। इस दौरान गांव की तस्वीर बदलने के लिए योजनाओं को लोगों से लेकर गांव की जमीन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी गांव के जिम्मेदार महकमों पर था। लेकिन इस गांव से गुजरने वाली सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। इनमें पानी भरा है। राहगीर इन्हीं कीचड़ भरे रास्ते से होकर जाते हैं। ऐसे में कुछ तो चोटिल भी होते हैं। गांव निवासी रामफेरन, मोलहे, अकबर आदि बताते हैं कि अधिकारियों से शिकायत भी की गई है, समग्र ग्राम की सूरत नहीं बदली। वहीं पयागपुर विकास खंड के खुटेहना स्थित के शंभू टिकरी का चयन वर्ष 2012-13 में समग्र गांव के रूप में हुआ। यहां एक मजरे को छोड़कर सारे मजरे शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं से पूरी तरह अछूते हैं। कहने को जांच अधिकारी आते हैं। गांववासियों का कहना है कि जांच अधिकारी ग्राम प्रधान के यहां बैठकर कागजी कोरम पूरा करके चले जाते हैं। आठ मजरे जल निकासी, मार्ग, बिजली, पेयजल व खाद्य आपूर्ति को लेकर खासे परेशान हैं। समस्या से निजात व विकास कार्यो की मांग गांववासियों ने की है।