जोखिम भरी मजबूरी, नाव की सवारी
बहराइच: जिम्मेदारों की कार्यशैली देखिए। टेढ़ी नदी पर बने कोढ़वाघाट पुल टूटे हुए छह माह हुए। पर अभी ज
बहराइच: जिम्मेदारों की कार्यशैली देखिए। टेढ़ी नदी पर बने कोढ़वाघाट पुल टूटे हुए छह माह हुए। पर अभी जिम्मेदार महकमे 'नौ दिन चले अढ़ाई कोस' की तर्ज पर काम कर रहे हैं। इकलौता पुल नदी में जा चुका है। कोई सुनने वाला नहीं है। लोग अब नाव का सहारा ले रहे हैं। परिवार साथ हो या फिर दुपहिया वाहन, सभी नाव से ही निकलने को मजबूर हैं। रोजाना एक हजार से अधिक लोग इसी तरह मजबूरी जोखिम भरी नाव यात्रा करते हैं। फिर भी जिम्मेदारों के काम की गति तेज नहीं हो पाई है। बड़े हादसे भी यहां हुए हैं, जिनमें एक दर्जन से अधिक लोग काल के गाल में समा चुके हैं, पर दावे करने वाले खद्दरधारी इस ओर कितना गंभीर हैं, यह पुल और सवारी करते लोगों को देखने मात्र से ही पता चल जाता है। हद तो यह है कि दो-दो नाव बांधकर लोग नदी पार करने को मजबूर हैं। इस टूटे पुल के निर्माण के लिए जून माह में टेंडर भी पड़े पर उनका निस्तारण कहां है, कोई बताने वाला नहीं है।
पैतौरा मोड़ से कोट बाजार-गंगापुर होते हुए खुटेहना सहसलमपुर मार्ग को जोड़ने वाली रिंग रोड पर बने कोढ़वाघाट पुल जिस टेढ़ी नदी पर बना है। वर्ष 2008 में वहां नागपंचमी व रामविवाह के दिन नाव के सहारे नदी पार करते समय एक दर्जन लोगों की नाव डूबने से मौत हो चुकी है। उसी नदी पर एक बार पुन: रास्ता बंद होने के कारण इधर से उधर जाने के लिए ग्रामीण नावों की सवारी कर रहे हैं और जिम्मेदार बिल्कुल मौन हैं। प्रसिद्ध बघेल झील के पूर्वी व दक्षिण तटों के किनारे-किनारे पैतौरा मोड़ से धर्मपुर मोड़ तक रिंग रोड बनी हुई है। इसी रोड से होकर पयागपुर व हुजूरपुर विकास क्षेत्रों के लोग एक-दूसरे के क्षेत्र में आते-जाते रहे हैं। सुमेरपुर, बाबागंज, मोहनापुर, राजापुर सहित दर्जनों गांवों के छात्र-छात्राएं इसी नदी को नाव के सहारे पार कर पढ़ने आते हैं। बीती सात मई को कोढ़वा घाट पर बना पचास फीट लंबा पुल भरभरा कर गिर गया था। महीनों तक मार्ग बंद रहा। थकहार कर लोग मल्लाहों के द्वारा संचालित छोटी नावों के सहारे गहरी टेढ़ी नदी पार कर रहे हैं। जून माह में डाले गए टेंडर तक का निस्तारण अभी तक नहीं हो सका है। अब भाजपा उद्योग व्यापार प्रकोष्ठ के रामनिवास सिंह एक बड़े जनांदोलन की तैयारी में हैं। रवींद्र सिंह, ज्ञाना देवी समेत कई प्रधान इस मुद्दे को प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष रख चुके हैं। एसडीएम बच्चेलाल कहते हैं कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। मसले को तत्काल गंभीरता से लिया जाएगा। इस सिलसिले में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और अन्य अधिकारियों से बातचीत कर पुल निर्माण का कार्य जल्द से जल्द कराया जाएगा।