कायमपुर में फिर शुरू हुई कटान
बहराइच : क्षेत्र के कायमपुर में कटान थम नहीं रही है। कभी लहरों का रुख आबादी की तरफ होता है तो कभी कृषि योग्य जमीन को समेटकर आजीविका का सहारा छीनती हैं। दर्जनों ग्रामीण अपना आशियाना समेटकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं। आबादी के साथ सम्पर्क मार्ग पर बनी पुलिया लहरों के निशाने पर है।
घाघरा की कटान से कायमपुर गांव के मुहाने पर बसे दर्जनों लोग गृहस्थी समेटकर सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर चुके हैं। लहरें शांत होने का नाम नहीं ले रही हैं। रविवार को गांव निवासी पांच ग्रामीणों के आशियाने नदी में विलीन हो गए, वहीं दर्जनों आशियाने मुहाने पर हैं। मुहाने पर बसे रंगीलाल, अमिरका, चेतराम, बाबादीन, रामसंवारे सहित दर्जनों बाशिंदों ने अपनी गृहस्थी को समेट लिया है। ग्रामीणों की लहलहाती फसलों को लहरें अपने आगोश में ले रही है। सोमवार को कायमपुर गांव के पास कटान हुई। गांव के गुल्ले, सोहन, मंशाराम, फकीरे व रसूले सहित सहित आधा दर्जन ग्रामीणों की कृषि योग्य जमीन धारा में समा रही है। गांव के निकट बनी पुलिया लहरों के निशाने पर है। यह कब भरभराकर नदी में समा जाए कहना मुश्किल है।
इनसेट : कटान करते गड़रियनपुरवा पहुंची घाघरा की लहरें
जरवलरोड : घाघरा की कटान से ग्रामीणों में दशहत है। नदी कटान करते गड़रियनपुरवा तक पहुंची। अगर यही स्थिति रही तो शीघ्र ही आदमपुर रेवली बांध के लिए हो सकता है खतरा। गड़रियनपुरवा का अस्तित्व समाप्त हो सकता है। विकास खंड जरवल के ग्राम सपसा के निकट स्थित गड़रियनपुरवा को घाघरा नदी अपने आगोश में लेने को बेकरार है। नदी कृषि योग्य भूमि कटान करते हुए आदमपुर रेवली तटबंध की ओर बढ़ रही है। बांध को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए स्पर नंबर एक, दो, तीन पर भी कटान की स्थिति है। स्पर नंबर एक का लगभग 30 मीटर, स्पर नं.दो का 10 मीटर तथा स्पर नं.तीन का नोज अब तक कट चुका है, परन्तु जिम्मेदार मौन है। इस बारे में बाढ़ कार्य खंड गोंडा के सहायक अभियंता ओपी उपाध्याय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अधीक्षण अभियंता एवं अधिशासी अभियंता ने बीते सात सितंबर को दौरा किया था। परन्तु तत्कालीन जिलाधिकारी किंजल सिंह के निर्देश पर बनाए गए इन स्परों तथा अन्य कार्यो का आज तक न राजस्व और न अन्य विभाग द्वारा कोई भी धन दिया गया। धन न होने के कारण हम कार्य कराने में असमर्थ हैं। वैसे नदी अभी बांध से 125 मीटर दूरी पर है। उन्होंने बताया कि इसके स्थाई निदान के लिए 12 करोड़ की एक परियोजना मुख्य अभियंता समिति के समक्ष भेजी जा रही है। इसके स्वीकृत होने पर इसका स्थाई निदान हो जाएगा।