लहरें निगल रही लहलहाती फसलें
बहराइच: घाघरा की लहरों ने पहले तीन गांवों के परिवारों को बेघर किया। पीड़ित परिवारों के लिए तटबंध व आसपास के सड़क की पटरिया आसरा बनीं। अब कायमपुर गांव को समेटने के लिए बेताब दिख रही है। नदी की धारा फसलों को अपने आगोश में समेटते हुए गांव की ओर बढ़ रही हैं। कटान को देख ग्रामीण अपने आशियानें समेटकर सुरक्षित स्थान पर शरण ले रहे हैं। ग्रामीण अपने आशियानों को उजाड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं।
पहले घाघरा ने पिपरी और फिर पचदेवरी के चुरईपुरवा को अपना निशाना बनाया। पिपरी में तो अधिकांश आशियानें लहरों की भेंट चढ़ गए। बचे खुचे इक्का-दुक्का मकान ही गांव के आबाद होने की गवाही मात्र हैं। चुरईपुरवा और माझादरिया गांव में भी घाघरा की लहरों ने कहर बरपाकर कई दर्जन ग्रामीणों को बेघर कर दिया। इसके बाद भी लहरें शांत नहीं हुई। अब लहरों का रूख पिपरी से सटे कायमपुर गांव की ओर है। गांव निवासी सुरेन्द्र, बदलूराम, खडंक प्रसाद, राममिलन, रामधीरज, रामसूरत की लहलहाती फसलों को समेटकर लहरें आबादी की तरफ बढ़ रही हैं। आबादी से बमुश्किल 10 मीटर की दूरी पर नदी की लहरें थपेड़े ले रही है। कटान की तीव्रता देख गांव के दयाराम, हवलदार, बाबादीन, राजू, सैलाबू, राकेश, जगदीश, शंकरदयाल, चेतराम, रंगीलाल, अमिरका प्रसाद, रामदीन सहित दर्जनों ग्रामीणों ने अपने कच्चे-पक्के मकानों को उजाड़ना शु़रू कर दिया है। कटान पीड़ित अपनी गृहस्थी समेटकर सुरक्षित स्थान पर शरण ले रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इसी तरह से कटान होती रही तो गांव पर खतरा और बढ़ सकता है।
इनसेट : एसडीएम ने लिया कटान का जायजा
महसी : कटान की सूचना पाकर एसडीएम रमेश चन्द्र शुक्ला ने नायब तहसीलदार हरिश्चन्द्र के साथ गांव पहुंच कटान की स्थिति देखी। तेज कटान को देखते हुए उन्होंने मुहाने पर बसे लोगों से आशियानों को उजाड़कर सुरक्षित स्थान पर रखने की अपील की। क्षेत्रीय लेखपाल रामानुज गिरि को गांव में रात्रि प्रवास कर स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए। एसडीएम ने बताया कि पीड़ित परिवारों को बसाए जाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके बाद उन्होंने पिपरी गांव का भ्रमण किया। उन्होंने पीडि़त परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया।