एंबुलेंस अभी भेज रहे हैं..पर नहीं आई..
बहराइच: स्वास्थ्य महकमे के दावे बड़े-बड़े, लेकिन जमीन पर वे खरे उतरते नहीं दिखते। नि:शुल्क सेवाओं के दावे तो महकमे के जिम्मेदार अक्सर करते नजर आते हैं पर हकीकत जुदा है। गुरुवार देर रात रिसिया के बंगलाचक निवासी अखिलेश की पत्नी सुनीता को तेज प्रसव पीड़ा हुई तो परिवारीजनों ने 102 व 108 एंबुलेंस सेवा का नंबर डायल किया। जवाब मिला, एंबुलेंस अभी भेज रहे हैं। करीब पांच किलोमीटर से ज्यादा का रास्ता नहीं होगा पर आधा घंटे बीतने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। मामले की सूचना सपा के मटेरा विधानसभा अध्यक्ष सरोज सिंह को भी दी गई। पुन: नंबर डायल हुआ तो पुराना जवाब फिर से मिला। फिर इंतजारी हुई। नतीजा ढाक के तीन पात, एंबुलेंस नहीं आई। नाराज सपा नेता ने इस मसले की शिकायत सीएमओ से की। जब एंबुलेंस नहीं मिली तो परिवारीजनों ने प्रसूता को ट्रैक्टर-ट्राली में लिटाया और चल पड़े सीएचसी की ओर। एक तो रास्ता खराब, ऊपर से एंबुलेंस न मिलने का दर्द सहती हुई प्रसूता किसी तरह अस्पताल पहुंची तो परिवारीजनों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब सीएचसी रिसिया पर एक नहीं दो-दो एंबुलेंस खड़ी मिली। नाराजगी भरे लहजे में वह ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों से अपनी बात कहने लगे। यहीं पर बस नहीं हुई। अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिले। जब गुस्साए लोग भड़के तो डॉक्टर साहब कमरे में सोते हुए मिले। इसकी शिकायत जब सीएमओ से की गई तब चिकित्सक मौके पर पहुंचे। यह हाल हैं एंबुलेंस सेवाओं के। कहीं चिकित्सक और अस्पताल के कर्मचारी एंबुलेंस पर भ्रमण करते नजर आते हैं तो कहीं दवाएं ढोती मिलती हैं यह एंबुलेंस, पर जरूरतमंदों को आसानी से नहीं मिलती। इसी दौरान गनेशपुर निवासी नूरजहां को भी परिजन ठेलिया पर लादकर सीएचसी लाये। वह भी अस्पताल में एंबुलेंस देख अपनी नाराजगी जता रहे थे।