फोटो- 'आजाद हैं, आजाद ही रहेंगे'
बहराइच : क्रांति का बिगुल फूंकने वाले महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की 108वीं जयंती पर सेनानी भवन सभागार में उन्हें याद किया गया। बहराइच विकास मंच के तत्वावधान में एक गोष्ठी हुई। आजाद के चित्र पर लोगों ने पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
मंच के अध्यक्ष राजेश त्रिपाठी ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद 14 वर्ष की आयु में ही क्रांति का बिगुल फूंका था। 9 अगस्त 1928 में कोटला फिरोजशाह दिल्ली में क्रांतिकारियों की बैठक में सोशलिस्ट हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी का कमाण्डर चुना गया। श्री त्रिपाठी ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद कहा करते थे दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे। आजाद हैं आजाद ही रहेंगे। अधिवक्ता अनिल त्रिपाठी ने कहा कि जो देश के लिए बलिदान होता है उसे देश की जनता हमेशा के लिए सम्मान से याद करती है। सागर निजामी ने उनके बारे में कहा है कि गोलियां चारों तरफ से घेर लेंगी। जब मुझे और तन्हा छोड़ देगा जब मेरा मरकब मुझे और संगीनों में चाहेंगे। उठाना सब मुझे ऐ वतन उस वक्त भी तेरे नगमे गाऊंगा, मरते-मरते इक तमाशा ए वफा बन जाऊंगा। कर्मचारी नेता सरदार सरजीत सिंह व नेमराज त्रिपाठी ने युवाओं का आह्वान किया कि शहीदों के पदचिन्हों पर चल नया देश व नया भारत बनायें। यही आजाद को सच्चे मायने में श्रद्धांजलि होगी। मोनू बाल्मीकि व मूल चंद्र राव ने कहा कि आजादी के इस दीवाने को शत-शत नमन। इस मौके पर राजेश बोट, नीरज सिंह, इशारत खान, इंद्र कुमार, आनंद सिंह, रत्नाकर पाण्डेय, बृजेश पाठक आदि मौजूद रहे। उधर फरदा सुमेरपुर स्थित कांग्रेस जनसंपर्क कार्यालय में चंद्रशेखर आजाद और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की जयंती पर विचार गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी को मुकुंदजी शुक्ल शेरा, युवा कांग्रेस के रवि श्रीवास्तव, एनएसयूआई के अमरनाथ शुक्ल, राजेंद्र सिंह, डॉ.रामगोपाल सिंह, लाल बहादुर तिवारी, भवेश प्रताप पाठक, विनीत सिंह, अजय प्रताप सिंह, राजन शर्मा, जटाशंकर चौधरी, जगराम वर्मा, भगवानदास मौर्य, नाजमा, फुलेश्वरी देवी, विजय सिंह, रियासत अली, सुशीला समेत कई लोग उपस्थित रहे।