डोल गई धरती, कांप गए लोग
जागरण संवाददाता, बागपत : शुक्रवार तड़के करीब एक मिनट के अंतराल में दो बार आए भूकंप के झटकों से बागपत
जागरण संवाददाता, बागपत : शुक्रवार तड़के करीब एक मिनट के अंतराल में दो बार आए भूकंप के झटकों से बागपत की धरती दहल गई। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.0 रही। गहरी नींद में सोये लोगों की नींद टूटी तो घबराहट के मारे वे घरों से बाहर निकल गए। मौसम विशेषज्ञों ने भूकंप की तीव्रता बागपत में अब तक की सबसे अधिक बताई है। भूकंपन से जिले के एक दर्जन से अधिक मकानों में दरार आ गई है।
तड़के 4.26 और 4.27 के बीच दो बार जबरदस्त भूकंपन हुआ। पहले झटका 10 से 12 सेकेंड और दूसरा झटका 19 सेकेंड तक रहा। उस समय लोग अपने घरों में आराम से सो रहे थे, लेकिन जमीन डोलने लगी तो घबराकर उठ बैठे। घर के पंखे, बिस्तर व अन्य सामान तेजी से गड़गड़ाने लगा तो लोग आनन-फानन में कमरों के बाहर निकल भागे। बागपत की बीआरसी वाली गली के पास गोपाल वर्मा का पूरा परिवार छत पर सोया था और उनका बेटा अरुण नीचे सो रहा था। अचानक भूकंप के कारण वह भागे तो उनके मकान की छत में लगी पत्थर की सिल्ली चटक गई। इनके अलावा बागपत के ही सुरेंद्र ¨सह, हरपाल, महेश, प्रदीप, ¨मटू, विकास शर्मा आदि समेत एक दर्जन से अधिक मकानों में दरार आ गई। हालांकि, कोई जनहानि होने की सूचना नहीं है।
मौसम विशेषज्ञ महेश कुमार खोखर ने बताया कि भूकंप का केंद्र हरियाणा का रोहतक रहा, जो जमीन से करीब 22 किमी. नीचे था। इसकी तीव्रता बागपत जिले में अभी तक की सबसे अधिक रही। भूगोलविद् डॉ. अनिल कुमार चौहान का कहना है कि अंधाधुंध वृक्षों का कटान और अत्यधिक जलदोहन इसकी वजह है। जलदोहन के कारण पृथ्वी की सतह खिसक रही है। यदि हालात ऐसे ही रहे तो वह दिन दूर नहीं जब धरती फटने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
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संदेशों का आदान-प्रदान
भूकंप आने के एक दो मिनट बाद ही वाट्सएप पर संदेशों और फोटो का आदान प्रदान शुरू हो गया। लोगों ने अपने रिश्तेदारों को फोन और व्हाट्स-एप पर इसकी सूचना दी। बाहर रहने वाले लोगों ने यहां रहने वाले अपने रिश्तेदारों से कुशलक्षेम पूछा।