बुनकरों की ¨जदगी बदलने को बागपत का चयन
बागपत: एक अच्छी खबर है। बुनकरों की बदहाल ¨जदगी बदलने का ताना-बाना बुनने को नाबार्ड ने देश में चयनित
बागपत: एक अच्छी खबर है। बुनकरों की बदहाल ¨जदगी बदलने का ताना-बाना बुनने को नाबार्ड ने देश में चयनित 20 जिलों में यूपी से महज बागपत को शामिल किया है। बुनकरों को कपंनी का मालिक बनाकर हथकरघा विकास को रफ्तार दी जाएगी, ताकि हाथ से बुना बागपत का कपड़ा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छा जाए।
बदलते दौर में बुनकरों का जीवन स्तर उठाने के लिए नाबार्ड ने हैंडलूम उत्पादक संगठन योजना शुरू की है। नाबार्ड लखनऊ की उप महाप्रबंधक मंजरी देशपांडे तथा डीडीएम बागपत इंद्रमीत ¨सह ने बताया कि उक्त योजना से बागपत में बुनकरों को संगठित कर कंपनी बनाई जाएगी। कंपनी में सीईओ नियुक्त होगा जिसे तीन वर्ष तक नाबार्ड वेतन देगा। कंपनी में बुनकर ही डायरेक्टर और मालिक होंगे।
कंपनी गठित होने पर बुनकरों तथा उनके बच्चों को स्किल डेवलपमेंट होगा। नई डिजाइनों तथा कपड़ा बुनने की आधुनिक मशीनों की ट्रे¨नग मिलेगी। बुनकरों को कच्चा माल तथा कपड़ा बिक्री को मार्के¨टग का फंडा सीखने को मिलेगा। कंपनी में बुनकर जो कपड़ा तैयार करेंगे उसकी बिक्री को कनाट प्लेस में दुकान दिलाने का प्रयास होगा। अभी तक बुनकरों की मेहनत का बड़ा हिस्सा बिचौलिया डकार जाते हैं। पर, कंपनी बनने पर दलालों को बुनकरों का शोषण करने का मौका ही नहीं मिलेगा। नाबार्ड की उत्तर प्रदेश की उप महाप्रबंधक का कहना है कि बुनकरों की ¨जदगी बदलने को हथकरघा विभाग से भी सहयोग लेंगे।
उन्होंने खेकड़ा में कई बुनकर परिवारों में जाकर उनकी परेशानी भी जानी। वहीं उप महाप्रबंधक ने सीडीओ हाकिम ¨सह के साथ मी¨टग कर बुनकरों के हित में उक्त योजना का क्रियान्वयन करने पर मंथन किया। सीडीओ ने उप महाप्रबंधक को आश्वस्त किया कि बुनकरों की ¨जदगी खुशहाल बनाने में सहयोग करने में कसर नहीं रखेंगे। बागपत में 514 बुनकर परिवारों को फायदा होगा। नए वित्त वर्ष 2017-2018 में योजना में अमल शुरु कर बुनकरों की कंपनी गठित कराई जाएगी।