बैंक की लाइन में लगे किसान की मौत, कोहराम मचा
जागरण संवाददाता, बड़ौत: नकदी को लेकर मचा हाहाकार अभी समाप्त नहीं हुआ है। इस बीच गुरुवार को कोतवाली क्
जागरण संवाददाता, बड़ौत: नकदी को लेकर मचा हाहाकार अभी समाप्त नहीं हुआ है। इस बीच गुरुवार को कोतवाली क्षेत्र के कोताना गांव में एसबीआइ शाखा के बाहर तड़के पांच बजे से लाइन में लगे एक वृद्ध किसान की मौत हो गई। घटना के बाद पीड़ितों में कोहराम मच गया है। उन्होंने अधिकारियों से मुआवजा दिलाने की मांग करते हुए बैंकों की कैश वितरण व्यवस्था सु²ढ़ करने की मांग की है।
कोताना गांव निवासी सलेकी (68) पुत्र खजान खेतीबाड़ी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। कुछ दिन पहले उन्होंने सोसाइटी से करीब 30 हजार रुपये का ऋण लिया था, जिसे चुकाने के लिए समिति से बार-बार कहा जा रहा था। नोटबंदी होने के कारण सलेकी लोन चुकाने में असमर्थ थे। हालांकि वह कई दिन से लगातार गांव की एसबीआइ शाखा में नकदी निकालने का प्रयास कर रहे थे। भीड़ अधिक होने के कारण हर रोज वह खाली हाथ घर लौटते थे।
सलेकी के बेटे मोनू ने बताया कि गुरुवार तड़के उसके पिता घने कोहरे और ठिठुरन के बीच 14 हजार रुपये निकालने के लिए पांच बजे शाखा के बाहर लाइन में लग गये। करीब साढ़े आठ बजे अचानक वह अचेत होकर गिर पड़े। इस पर लोगों ने उनके घरवालों को सूचना दी, जिसके बाद परिजन आनन-फानन में किसान सलेकी को लेकर बड़ौत के एक निजी अस्पताल में पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। किसान की मौत से परिवार पर गम का पहाड़ सा टूट गया। परिजजन रो-रोकर बेहाल हैं। ग्रामीण व रिश्तेदार उन्हें ढाढ़स बंधाने पहुंच रहे हैं। हालांकि पीड़ित परिवार ने इस मामले में किसी भी कार्रवाई करने से इन्कार कर दिया। अलबत्ता उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की है कि किसान सलेकी की मौत का उन्हें मुआवजा दिया जाए और बैंकों में नोटबंदी के बाद मारामारी बंद कराकर व्यवस्था ठीक कराई जाए, ताकि फिर किसी की वहा लाइन में जान न जाए।
इन्होंने कहा..
मामला अभी मेरी जानकारी में नहीं आया है। जांच कर पीड़ित परिवार की मदद कराने का प्रयास किया जाएगा।
दीपाली कौशिक, एसडीएम-बड़ौत
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पीड़ित परिवार ने कोतवाली में कोई तहरीर नहीं दी है। यदि देते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
फिरोज अख्तर, एसएसआइ- कोतवाली बड़ौत।
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पंकज तोमर