संपति विवाद में जेठ और भतीजों ने किया विधवा का कत्ल
दाहा (बागपत): दोघट थानाक्षेत्र के टीकरी कस्बे में जमीन व मकान के विवाद में जेठ और भतीजों ने मिलकर व
दाहा (बागपत): दोघट थानाक्षेत्र के टीकरी कस्बे में जमीन व मकान के विवाद में जेठ और भतीजों ने मिलकर विधवा की हत्या कर दी। बचाव में आए महिला के पड़ोसी बाल-बाल बच गए। वारदात को अंजाम देकर हमलावर फरार हो गए। दिन निकलते ही हुई वारदात से पुलिस महकमा हिल गया। आनन-फानन में आलाधिकारी मौके पर पहुंचे।
टीकरी निवासी रामभतेरी (55) के पति सुरेंद्र की करीब सात माह पूर्व मौत हो गई थी। उसकी मौत के कुछ दिन बाद ही रामभतेरी के जेठ रामपाल उर्फ डब्बू ने उसकी 10 बीघा जमीन व मकान पर जबरन कब्जा कर लिया। कब्जा हटवाने के लिए रामभतेरी दोघट थाने से लेकर एसपी कार्यालय तक के चक्कर काटकर थक चुकी थी। इस बीच दो बार उसके भतीजों ने उसे गला दबाकर मारने का भी प्रयास किया। मंगलवार को पुलिस ने रामभतेरी को उसके मकान पर कब्जा दिलवा दिया। उसके साथ उसके भाई का बेटा डूंगर निवासी सुधीर भी था। सुधीर तो शाम को अपने गांव चला गया। आरोप है कि बुधवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे रामपाल व उसके पुत्र कालू और पप्पू रामभतेरी के घर में जा घुसे। वहां गाली-गलौज करते हुए तमंचे निकाल लिए। भयभीत रामभतेरी घर से निकलकर पड़ोसी राममेहर के मकान में जान बचाने के लिए जा घुसी, लेकिन हमलावर उसके पीछे वहीं जा पहुंचे और रामभतेरी को घसीटकर गली में बाहर ले जाने लगे। उसे बचाने के लिए पड़ोसन शारदा पत्नी राममेहर, पुत्रवधू मेघा पत्नी चांदवीर हमलावरों को रोकने लगी तो तीनों ने मिलकर फाय¨रग कर दी, जिसमें शारदा और मेघा बाल-बाल बच गई। उन्होंने किसी तरह छिपकर जान बचाई। इसके बाद आरोपी रामभतेरी को गली में लाए और हाथ-पैर दबाकर उसकी कनपटी पर तमंचा सटाकर गोली मार दी। शारदा ने बताया कि हमलावर उन्हें धमकी देते हुए भाग निकले। घटना की सूचना पर एएसपी अजीजुल हक, सीओ अजय शर्मा, बिनौली, बड़ौत, रमाला, दोघट थानाध्यक्ष मयफोर्स मौके पर पहुंचे। सुधीर ने रामपाल, कालू और पप्पू के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
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इन्होंने कहा..
जमीन व मकान पर कब्जा करने के लिए महिला की हत्या की गई है। पुलिस जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी।
- अजीजुल हक, एएसपी-बागपत।
सुधीर के नाम कर दी थी वसीयत
दाहा : पति की मौत के बाद रामभतेरी को अपनी हत्या का डर था। इसी दहशत में महिला ने अपने भाई के बेटे सुधीर के नाम अपनी चल-अचल संपति की वसीयत करा दी थी। इस बात से जेठ रामपाल का परिवार बेहद खफा था। वह चाहते थे कि विधवा की संपति भी उनकी ही हो जाए, लेकिन रामभतेरी ने अपनी संपति उन्हें देने से स्पष्ट इन्कार कर दिया था।
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नहीं थी कोई संतान
दाहा : रामभतेरी के कोई संतान नहीं थी। पति की मौत के बाद वह अकेली हो गई। उसने अपने जेठ व परिवार के अन्य सदस्यों से कहा कि वह उसे दो वक्त की रोटी दे दे। बाकी सारी संपति उन्हीं की है, लेकिन महिला को रोटी देने से इन्कार कर दिया गया। जब उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो उसने मजबूर होकर सुधीर के नाम वसीयत कर दी और फिलहाल सुधीर ही उसकी देखभाल करता था।
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कस्बे में मची अफरा-तफरी
दाहा : सरेआम जब गली में फाय¨रग होने लगी तो कस्बे में अफरा-तफरी मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ पड़े। दिन निकलते ही हुई हत्या से कस्बे में शोक पसर गया और आरोपियों की द¨रदगी पर गुस्सा भी दिखाई दिया।