अफरातफरी: लंबी कतार, लात-घूंसे और मायूसी
बागपत: नोटबंदी के आठवें दिन भी बैंकों में अफरातफरी रही। कहीं भीड़ में लात-घूंसे चले, तो कहीं नोट नही
बागपत: नोटबंदी के आठवें दिन भी बैंकों में अफरातफरी रही। कहीं भीड़ में लात-घूंसे चले, तो कहीं नोट नहीं बदले गये। अधिकांश बैंक शाखाओं में कैश खत्म होने से लोगों को घंटों लाइन में लगने के बाद मायूस लौटना पड़ा। ¨सडिकेट बैंक की 35 में से 30 शाखाओं पर कैश नहीं होने से लोग न रुपये निकल पाए और न बड़े नोट बदल सके। बागपत की राष्ट्रवंदना चौक तथा कलक्ट्रेट स्थित ¨सडिकेट की बैंक शाखाओं पर लोगों ने रुपये नहीं मिलने को लेकर हंगामा किया।
केनरा बैंक में पैसा अवश्य था, लेकिन कनेक्टीविटी नहीं होने से घंटों लेन-देन बंद रहा है। पंजाब नेशनल बैंक की बागपत शाखा पर भी कैश नहीं होने से लोगों ने हंगामा कर विरोध जताया। नोट नहीं बदलने और खातों से रुपये नहीं निकलने पर लोगों ने सरूरपुरकला की ¨सडिकेट बैंक शाखा पर प्रदर्शन किया। आइसीआइसीआइ बैंक तथा एक्सिस बैंक की बागपत स्थित शाखाओं में प्रवेश पाने को लोगों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी है। एसबीआइ की बागपत शाखा पर भी महिलाओं और पुरुषों को काउंटर तक पहुंचने को पांच से आठ घंटे तक लाइन में लगना पड़ा,लेकिन नये नोट नहीं आने से लोगों को नाराजगी जताते देखा गया। बड़ौत में यूनियन बैंक आफ इंडिया बिनौली रोड पर नोट बदलने को लेकर लोगों में जमकर लात-घूसे चले।
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200 करोड़ रुपये जमा
देर शाम तक बागपत की सभी 137 बैंक शाखाओं में लोगों ने 500 तथा 1000 के नोट के रुप में 200 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। बैंकों में कैश खत्म होने से निकासी बहुत कम 40 लाख रुपये हुई, जबकि महज एक लाख रुपये कीमत के बड़े नोट बदले गए।
एलडीएम पीवी राजू ने बताया कि आरबीआई से नये नोट नहीं मिलने से अधिकांश शाखाओं में कैश खत्म हो गया है। कैश मंगवाने का प्रयास कर रहे हैं। आपतकाल स्थिति में किसी भी व्यक्ति के उक्त सीमा से ज्यादा पैसा की निकासी नहीं कर सकते हैं।
डीएम ने की समीक्षा
बागपत: डीएम हृदय शंकर तिवारी ने मंगलवार की शाम एलडीएम को तलब कर बडे नोट बदलने, जमा कराने और नये नोट निकासी आदि की समीक्षा की। डीएम ने एलडीएम को हिदायत दी कि कैश मंगाएं और लोगों को परेशानी न होने दें। डीएम ने एलडीएम से कहा कि जरूरत पड़ने पर उनसे भी आरबीआइ के अधिकारियों को लेटर लिखवा सकते हैं।