सपा दफ्तर पर सन्नाटा, मुरझाए समर्थकों के चेहरे
बागपत : सपा में मचे घमासान से बागपत में पार्टी दफ्तर से चहल-पहल गायब हो चुकी है। ऐसा सन्नाटा छाया था
बागपत : सपा में मचे घमासान से बागपत में पार्टी दफ्तर से चहल-पहल गायब हो चुकी है। ऐसा सन्नाटा छाया था कि लखनऊ से पहुंचे ट्रक से सरकार की उपलब्धियों की प्रचार सामग्री के बंडल उतरवाकर पार्टी दफ्तर में सुरक्षित रखवाने को नेता तो क्या आम कार्यकर्ता भी नजर नहीं आए। दरअसल, विधान सभा चुनाव के मद्देनजर सीएम अखिलेश यादव और उनकी सरकार के विकास और कार्यों की प्रचार सामग्री थोक में भेजी गई है। इस ट्रक में लदी प्रचार सामग्री को देख वहां से गुजर रहे एक व्यक्ति ने टिप्पणी की कि अखिलेश और शिवपाल में घमासान मचा है, क्या वह सपा और सरकार की हकीकत बयां करने में कम है? फिर प्रचार सामग्री भेजने की जरूरत ही क्या थी?
काफी देर बाद दो-तीन सपा कार्यकर्ता आते हैं और अटपटे मन से सरकार की प्रचार सामग्री उतरवाकर दफ्तर में रखवाते हैं। लेकिन उनके हाव-भाव यह बयां करते नजर आए कि सरकारी खर्च पर छपी इन किताबों का क्या करना? एक कार्यकर्ता दूसरे से बोला कि चाचा और भतीजे की लड़ाई का खामियाजा विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा, क्योंकि जनता में बड़ा गलत संदेश गया। फिर हम किस मुंह से इस प्रचार सामग्री को लोगों को थमाएंगे?
यही नहीं, अधिकांश सपा कार्यकर्ताओं के चेहरे मुरझाए से नजर आए। सबसे ज्यादा बेचैन स्थानीय नेता दिखाई दिए। शायद तय नहीं कर पा रहे हैं कि सपा पर विभाजन की मोहर लगने के बाद वे किधर जाएं? सबसे ज्यादा परेशान सपा के विधानसभा सीटों के लिए घोषित उम्मीदवार हैं। बागपत विधानसभा सीट से सपा के उम्मीदवार डा. कुलदीप उज्ज्वल कहते हैं कि जो चल रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन वह किधर जाएंगे? यह सवाल सुनते ही वे गोलमोल जवाब देते हैं कि हम तो अखिलेश और मुलायम के साथ हैं। सपा जिलाध्यक्ष डा.एसपी यादव को अभी भी उम्मीद है कि सपा नहीं टूटेगी। कहते हैं कि ईश्वर हमारी पार्टी की मदद करेंगे। ..सब कुछ सही हो जाएगा। वहीं दूसरी और सपा के तमाम कार्यकर्ताओं और नेताओं की नजर सोमवार को मुलायम ¨सह यादव द्वारा बुलाई गई बैठक पर लगी है।