हो रही गरीबों के मिट्टी के तेल की विदाई की तैयारी
प्रदीप द्विवेदी, बागपत : वह दिन दूर नहीं, जब गरीबों के घर रोशन करने और रसोई का ईंधन बनने वाला केर
प्रदीप द्विवेदी, बागपत :
वह दिन दूर नहीं, जब गरीबों के घर रोशन करने और रसोई का ईंधन बनने वाला केरोसिन यानि मिट्टी का तेल यादों में सिमट जाएगा। अप्रैल से देश से मिट्टी के तेल को विदा करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि यह कदम तभी उठाया जाएगा, जब हर घर में एलपीजी सिलेंडर पहुंचा दिया जाएगा।
केंद्र सरकार अप्रैल से देश को मिट्टी तेल मुक्त करने की तैयारी में है। यह कदम पर्यावरण प्रदूषण सुधारने और प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन का उपयोग कम करने के लिए उठाया जा रहा है। मिट्टी के तेल की खपत विशेष तौर पर गरीब परिवारों में होती है। ऐसे परिवारों में रोशनी के माध्यम ढिबरी या लालटेन तथा खाना पकाने के लिए स्टोव में मिट्टी तेल का प्रयोग होता है। मोदी सरकार रसोई को धुआं मुक्त करने के लिए उज्ज्वला के तहत हर गरीब परिवार को गैस सिलेंडर दिला रहे हैं। इस योजना के तहत तकरीबन हर परिवार में गैस कनेक्शन पहुंच जाएगा। गैस सिलेंडर पहुंचने के बाद धीरे-धीरे लोगों की आदत लालटेन की भी छूटेगी।
बताया जा रहा है कि अप्रैल तक सभी बीपीएल व अन्त्योदय पात्रों को यदि उज्ज्वला के तहत गैस सिलेंडर उपलब्ध करा दिया गया तो इसकी घोषणा हो सकती है। केंद्र सरकार ने इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए अभी से कदम उठा दिए हैं। सरकार ने मिट्टी तेल का कोटा कम कर दिया है। इस माह से उत्तर प्रदेश के मिट्टी तेल के वितरण के लिए 40 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है। यह प्रतिशत आने वाले दिनों में घटता जाएगा। अभी तक प्रति यूनिट तीन लीटर का प्रावधान है, लेकिन सरकार ने जो कटौती की है, उससे प्रति यूनिट एक या डेढ़ लीटर तेल दिया जाएगा।
जिला पूर्ति अधिकारी चमन शर्मा ने बताया कि सरकार ने मिट्टी तेल का कोटा 40 प्रतिशत कम कर दिया है। भविष्य में देश को मिट्टी तेल मुक्त करने की योजना है।