पाप कर्म से दूर रहकर ही मिलेगा मोक्ष : विहर्ष सागर
बड़ौत (बागपत): दिगंबर जैन अतिथि भवन में श्री श्वेताम्बर जी प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन प्रथम व द्वित
बड़ौत (बागपत): दिगंबर जैन अतिथि भवन में श्री श्वेताम्बर जी प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन प्रथम व द्वितीय श्लोक का विश्लेषण किया गया। इस अवसर पर मुनि श्री 108 विहर्ष सागर जी महाराज ने श्लोकों की महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि पाप कर्म से दूर रहकर ही मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री ने कहा कि मनुष्य कितना भी धनवान हो या रसूखदार हो, उसे भी एक दिन मृत्यु शैया पर लेटना पड़ता है। गरीब को न अपने अंत का डर रहता है और न ही उसे अपनी सुरक्षा का, लेकिन धनवान व्यक्ति को हर समय मृत्यु का डर सताता रहता है। पाप कर्म से कमाई गई दौलत का फल इसी जन्म में भुगतना पड़ता है। ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से किए गए कार्य में ही मनुष्य सफल हो पाता है। यदि वह लोभ-लालच और अन्य किसी माध्यमों के जरिए सफल भी हो जाता है तो वह भी उसकी हार है। उसका अंत एक दिन जरूर हो जाता है। उसके लिए अशुभ कार्यों का उदय होने लगता है और धीरे-धीरे उसकी वह सफलता मिट जाती है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य को हमेशा ईश्वर के चरणों में ध्यान लगाना चाहिए और असहाय लोगों की सेवा करनी चाहिए। दूसरी ओर महाराज श्री के प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। इस दौरान अजय जैन, बालकिशन जैन, सुरेश जैन, बिजेंद्र जैन, मनोज जैन, रोहित जैन, नीता जैन, संगीता जैन, कुसुम जैन आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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कल होगा विधान
मीडिया प्रभारी संदीप जैन ने बताया कि सोमवार प्रात: छह बजे दिगंबर जैन अतिथि भवन में 1008 कलिकुंड पार्श्वनाथ भगवान विधान को मुनि श्री विहर्ष सागर जी के सानिध्य में ससंघ कराया जाएगा।