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पानी बचाने को निकला पूर्व सैनिक

संवाद सहयोगी, बड़ौत : 'दैनिक जागरण' की तालाबों की खोज और जल बचाने की मुहिम से प्रभावित होकर पूर्व सैन

By Edited By: Published: Tue, 24 May 2016 06:59 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2016 06:59 PM (IST)

संवाद सहयोगी, बड़ौत : 'दैनिक जागरण' की तालाबों की खोज और जल बचाने की मुहिम से प्रभावित होकर पूर्व सैनिक और श्रीराम बाजपेयी स्काउट-गाइड एसोसिएशन आफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव सुभाष कश्यप ने जल की बर्बादी रोकने के लिए अनूठा अभियान शुरू किया है। वह रोजाना सवेरे अलग-अलग गांवों के भ्रमण पर निकल जाते हैं और जहां कोई उन्हें पानी को बेवजह बहाता मिलता है, वे उसके सामने हाथ जोड़कर पानी बचाने की अपील करते हैं। वह तब तक उस स्थान से नहीं डिगते जब तक की पानी बहाने वाला व्यक्ति स्वयं ही पानी बंद नहीं कर देता। वे गांव-गांव घूमकर लोगों को मीठे जल उपलब्धता और उसे सहेजने के उपायों पर चर्चा करते हैं। बकौल सुभाष, वे जागरण की मुहिम से इस कदर प्रभावित हैं कि उन्होंने इसे जनजागरण अभियान में तब्दील करने की ठान ली है। वह अपना यह अभियान तब तक जारी रखने के लिए कटिबद्ध हैं, जब तक लोगों में बूंद-बूंद पानी सहेजने की आदत न विकसित हो जाए।

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सबमर्सिबल हैं बड़ी बाधा

सुभाष कश्यप बताते हैं कि पूर्व में कुओं का पानी पीने के लिए और तालाबों का पानी जानवरों को नहलाने के लिए प्रयोग किया जाता था, लेकिन आज घर-घर में सबमर्सिबल लगने से भूजल का अतिदोहन बढ़ गया है। इसके चलते वाटर लेवल रसातल में पहुंच गया है। गांवों में जानवरों को नहलाने में सैकड़ों लीटर पानी व्यर्थ में बहा दिया जाता है। अपने अभियान के दौरान वह लोगों से जानवरों को नहलाने के लिए पानी टब या छोटे ड्रम में एकत्र करने की अपील करते हैं और जरूरत के मुताबिक ही पानी के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करते हैं।


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