देश-दुनिया में घूम रहा मलकपुर का 'लंगोट'
पंकज तोमर, बड़ौत (बागपत) ¨हडन-यमुना के दोआब में आबाद बागपत की जरखेज माटी प्रतिभा के अंकुर फोड़ रही ह
पंकज तोमर, बड़ौत (बागपत)
¨हडन-यमुना के दोआब में आबाद बागपत की जरखेज माटी प्रतिभा के अंकुर फोड़ रही है। जिस तरह पंजाब के संसारपुर में हाकी और हरियाणा के भिवानी के बॉक्सर परचम फहरा रहे हैं। ठीक उसी तरह अब यूपी का मलकपुर गांव भी अंतर्राष्ट्रीय अखाड़े में ताल ठोक रहा है। सैकड़ों पहलवान पैदा कर तीन पहलवानों को ओलम्पिक में उतारने का गौरव हासिल कर चुका गांव एक बार फिर गर्व का 'साफा' कसने को तैयार है। पहलवान संदीप तोमर का ओलंपिक के लिये क्वालीफाइ होना इस बात की साफ तस्दीक है कि यहां की आब-ओ-हवा में ही 'महाबली' जनने का जुनून है।
18वीं शताब्दी में बसे मलकपुर गांव ने भारत छोड़ो आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। आजादी के बाद इस गांव के युवाओं को पहलवानी का शौक चढ़ा तो राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पटल पर जाकर ही रुका। पहलवानों की 'पौध' तैयार करने वाले इसी गांव के एशियन चैंपियन पहलवान सुभाष तोमर कहते हैं, इसकी माटी ने चार ओलंपियन दिए हैं और अब गांव के संदीप तोमर को भी ओलंपिक का कोटा मिला है।
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सुविधाएं मिले तो घर-घर में 'महाबली'
उपेक्षा और तिरस्कार का दंश झेल रहे मलकपुर के पहलवानों को यदि सुविधाएं मिले तो घर-घर 'महाबली' पैदा हो सकते हैं। यहां शाही मैट के बजाय मिट्टी के अखाड़ों में पहलवान दांव-पेंच सीखते हैं। हालांकि अर्जुन अवार्डी शौकेंद्र तोमर की मांग पर बड़ौत में स्टेडियम बनाया जा रहा है, जिसमें राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय रेस¨लग की जा सकेगी।
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प्रतिभाओं पर एक नजर
-सुभाष तोमर - एशियन चैंपियन व अर्जुन अवार्ड (ओलंपिक)
-शौकेंद्र तोमर - अर्जुन अवार्ड (ओलंपिक)
-राजीव तोमर - अर्जुन अवार्ड (ओलंपिक)
-संदीप तोमर - अंतर्राष्ट्रीय पहलवान (ओलंपिक के लिए क्वालीफाइ)
-अंशु तोमर - अंतर्राष्ट्रीय महिला मल्ल, यश भारती अवार्ड व भारत केसरी
-प्रहलाद तोमर - अंतर्राष्ट्रीय पहलवान
-अशोक : अंतर्राष्ट्रीय पहलवान
-नरेंद्र : अंतर्राष्ट्रीय पहलवान
-100 से अधिक पहलवान राष्ट्रीय स्तर पर किस्मत आजमा चुके हैं।
-करीब 100 पहलवान अभी गांव की मिट्टी के अखाड़े में दांव-पेंच सीख रहे हैं।
नोट :- मलकपुर गांव की झोली में एक एशियन चैंपियन, तीन अर्जुन अवार्ड, एक यश भारती अवार्ड, एक भारत केसरी, 500 से अधिक सोने-चांदी के तमगे और अन्य पुरस्कार हैं।
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'हमारे लिए गर्व की बात है कि नई पीढ़ी भी अपने पूर्वजों की परंपरा को आगे बढ़ा रही ह । मलकपुर में रेस¨लग पूर्वजों ने शुरू की थी'।
- सुभाष तोमर, एशियन चैंपियन-मलकपुर
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केंद्र व प्रदेश सरकार को मलकपुर के पहलवानों को बहुत पहले सुविधा देने चाहिए थी। फिर भी बगैर सुविधा के हमारी युवा पीढ़ी देश-दुनिया में झंडे गाड़ रही है।
- शोकेंद्र तोमर, अर्जुन अवार्डी
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हमें बहुत खुशी है कि हमारा एक और भाई संदीप तोमर ओलंपिक खेलने जा रहा है। देश का प्रतिनिधित्व करने वाले संदीप से नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
- राजीव तोमर, अर्जुन अवार्डी।