बूथ दिखे खाली, पेटी हुईफुल
जागरण संवाददाता, बागपत: छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो पंचायत चुनाव में ¨हसा की आशंका निर्मूल साबित हुई
जागरण संवाददाता, बागपत: छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो पंचायत चुनाव में ¨हसा की आशंका निर्मूल साबित हुई। न कहीं भीड़़, न झगड़ा। धीरे से मतदाता आते और चुपके से मतदान कर लौट जाते। लगा ही नहीं कि प्रधानी का चुनाव है। अफसर तक हैरान हैं कि माजरा क्या है। यह सुन लोग तपाक से जवाब देते कि 'कोई जीते या हारे, हमें क्या। मतलब निकलते ही कोई पूछेगा भी नहीं फिर मुकदमा हम झेलेंगें।
लोकतंत्र में सबसे ज्यादा संवेदनशील चुनाव प्रधानी का है। गांवों में शायद कोई ऐसा परिवार हो जिनमें प्रधानी के चुनाव को लेकर दिलचस्पी न हो, लेकिन अब लोग सीधे पार्टी बनने से बचने लगे हैं। बड़ौत में चुनाव से साफ हो गया कि लोगों ने जमकर मतदान किया लेकिन बूथ खाली नजर आए। वाजिदपुर में बूथ ही नहीं गलियों तक सन्नाटा छाया रहा मगर प्रात: 11 बजे तक 38 से 42 फीसद मतदान हो चुका था। पूछने पर लोगों ने जवाब दिया कि चुनाव दो उम्मीदवार लड़ रहे हैं, फिर हम क्यों झगड़ा मोल लें।
बड़ौली में तमाम बूथों पर सन्नाटा नजर आया। अफसरों और पुलिस की आवाजाही को छोड़ दें तो मतदान केंद्र परिसर में कोई रौनक नहीं दिखी। इसके बाद भी यहां सुबह 11.30 बजे मतदान 40 फीसद पार कर गया। बड़ौली के राम ¨सह और भगवती ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले तो मतदान बाद एक हो जाएंगे फिर लोग हम क्यों दुश्मनी मोल लें। चुपचाप वोट दे आए हैं, अब घर का काम करेंगे'।
बिजरौल के शाहमल इंटर कालेज पर करीब आधा दर्जन बूथ खाली नजर आए लेकिन दोपहर 12 बजे तक मतदान 50 फीसद पर पहुंच गया। बावली में राजकीय कालेज में बने बूथों पर इक्का-दुक्का वोटर नजर आए मगर दोपहर दो बजे तक 60 फीसद मतदान हुआ। मतदान कर लौट रही परीक्षा देवी ने कहा कि अब लोग समझदार हो गए हैं, इसलिए चुपके से मतदान करना में भलाई मानते हैं। अन्य गांवों में भी बूथ खाली थे और पुलिस कर्मी कुर्सियों पर ऊंघते नजर आए।
बूथों पर छाया सन्नाटा देख अफसर हैरान रह जाते कि माजरा क्या है? फिर खुद ही जवाब देने लगते, अब लोग जागरूक हो चुके हैं। मतदान खूब करते हैं लेकिन अब लड़ते नहीं। यही वजह है कि शाम चार बजे तक बड़ौत में मतदान 70 फीसद मतदान हो चुका था। उधर, सुपर जोनल मजिस्ट्रेट एवं एसडीएम यशवर्धन श्रीवास्तव ने कहा कि अबकी बार भीड़ नहीं लगने दी इसलिए बूथ खाली-खाली नजर आए।