जिला प्रशासन के दावों की निकली हवा
जागरण संवाददाता, बड़ौत : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को निष्पक्ष संपन्न कराने के भले ही पुलिस-प्रशासन ने
जागरण संवाददाता, बड़ौत : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को निष्पक्ष संपन्न कराने के भले ही पुलिस-प्रशासन ने लाख दावे किए हों, लेकिन कई जगहों पर इन दावों की हवा निकल गई। मतदान केंद्रों पर फर्जी मतदान का आलम यह रहा कि एक बार में दो-दो फर्जी मतदाताओं ने वोट डाले और चुनावकर्मी देखते रह गए। कई जगह तो एजेंटों ने मतदाताओं से जबरन वोट डलवाई।
शुरूआत पहले घंटे तक मतदान सुचारू चलता रहा, लेकिन उसके बाद भीड़ बढ़ती गई और इसका फायदा फर्जी मतदाताओं ने उठाया। उन्होंने चुनाव कर्मचारियों पर दबाव बनाकर खुल्लम-खुल्ला फर्जी मतदान किया। पुरुष ही नहीं, महिलाओं ने भी इसमें अच्छी खासी भूमिका निभायी। अपने-अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए फर्जी मतदाताओं की भीड़ लग गई। एक-एक बार में दो-दो फर्जी लोगों ने मतदान किया। यह खेल चलता रहा और कर्मचारी देखते रहे। बाहर तैनात पुलिसकर्मी भी इस नजारे को देखते रहे, लेकिन किसी ने बिना वजह की फजीहत उठाना मुनासिब नहीं समझी।
कोताना व जोनमाना में तो एजेंटों ने बुजुर्ग मतदाताओं की जबरन अपने प्रत्याशियों के हक में वोट डाल दी। एसडीएम यशवर्धन श्रीवास्तव का कहना है कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होने दी गई है। चुनाव शांतिपूर्ण व निष्पक्ष संपन्न कराया गया है। कुछ लोग अफवाह फैला रहे होंगे।
बना लिया फर्जी चाचा
मलकपुर गांव में एक युवक अपना फर्जी चाचा बनाकर वोट डलवाने पहुंच गया। वहां चुनाव कर्मचारियों को बताया कि वह उसके चाचा हैं, लेकिन वहां मौजूद ग्रामीणों ने उसे पहचान लिया और तत्काल पुलिस से शिकायत की। हंगामा हुआ तो पुलिस को मजबूर होकर उस युवक को छोड़ना पड़ा।
पिता की जगह देनी पड़ी ड्यूटी
फतेहपुर चक गांव में एक ग्राम चौकीदार की चुनाव में ड्यूटी लगा दी, लेकिन बीमारी के कारण वह नहीं आ सके। बाद में उनका बेटा आशु डंडा लेकर चुनाव ड्यूटी करने पहुंचा और दिनभर मुस्तैदी से मतदान केंद्र के बाहर ड्यूटी देता रहा।