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संतान की सलामती को माताओं ने रखा अहोई व्रत

संवाद सहयोगी, बड़ौत : संतान के सौभाग्य और लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी का त्योहार धार्मिक अनुष्ठानो के

By Edited By: Published: Tue, 03 Nov 2015 07:11 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2015 07:11 PM (IST)
संतान की सलामती को माताओं ने रखा अहोई व्रत

संवाद सहयोगी, बड़ौत : संतान के सौभाग्य और लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी का त्योहार धार्मिक अनुष्ठानो के साथ पारंपरिक रूप से श्रद्धापूर्वक मनाया गया। माताओं ने अहोई मां का निर्जला व्रत रखकर पुत्रों की सलामती के लिए मंगलकामना की और मंदिरों में विशेष आरती की गई।

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कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाने वाले अहोई का पर्व मंगलवार को श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस मौके पर माताओं ने मिट्टी के बर्तनों को धन-धान्य से भरकर घरों में स्थापित किया। महिलाओं ने मिट्टी की हंडिया को रोली चावल से तिलक किया। इसके बाद मीठे पुओं और फलों से अहोई माता का पूजन किया गया। महिलाओं ने सामूहिक रूप से घरों में बैठकर अहोई माता की कथा सुनी और अपने बड़ों से आशीर्वाद लिया। रात्रि में तारे निकलने के बाद जल चढ़ाकर व्रत खोला। ¨हदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, करवाचौथ पर महिला अपने पति और अहोई पर अपने बच्चों के लिए व्रत रखकर उनकी दीर्घायु की कामना करती है। इस दिन माता मिट्टी के एक बर्तन में खील और दूसरे में पानी भरती है। इस दिन मिट्टी के बर्तनों का ही प्रयोग किया जाता है।


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