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खेकड़ा पुलिस, पीड़ित और आरोपियों का होगा आमना-सामना

जागरण संवाददाता, बागपत : एससी-एसटी आयोग ने पुलिस को सांकरौद प्रकरण का निराकरण करने का आदेश दिया है।

By Edited By: Published: Wed, 26 Aug 2015 10:57 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2015 10:57 PM (IST)
खेकड़ा पुलिस, पीड़ित और आरोपियों का होगा आमना-सामना

जागरण संवाददाता, बागपत : एससी-एसटी आयोग ने पुलिस को सांकरौद प्रकरण का निराकरण करने का आदेश दिया है। एसपी ने आरोपी युवक के पिता को अपने कार्यालय बुलाकर पूछताछ की। वह पुलिस और युवती के परिजनों पर ही आरोप लगाता रहा। एसपी ने खेकड़ा पुलिस, पीड़ित और आरोपियों का आमना-सामना कराने के लिए जल्द ही तीनों पक्षों को बुलाया है।

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एससी- एसटी आयोग के आदेश पर एसपी ने सांकरौद गांव निवासी आरोपी दलित युवक रवि के पिता धर्मपाल को अपने कार्यालय बुलाया। एसपी ने बातचीत कर उससे समस्या के बारे में पूछा तो उसने खेकड़ा पुलिस, युवती के परिवार के लोगों पर उत्पीड़न आदि करने के आरोप लगाए। धर्मपाल ने एसपी को बताया कि दबंगों के भय से उसने परिवार के साथ गांव से पलायन कर रखा है। एसपी के सामने चूंकि एक पक्ष था, इसलिए समस्या का समाधान नहीं हो पाया। एसपी ने आरोपी युवक, खेकड़ा पुलिस और युवती के परिजनों को जल्द ही अपने कार्यालय बुलाया है, जिससे तीनों पक्षों का आमना-सामना हो सके और समाधान हो सके। एसपी शरद सचान ने बताया कि युवक, युवती और खेकड़ा पुलिस को बुलाया गया है जिससे समस्या का समाधान हो सके। आरोपी युवक के भाई व दिल्ली पुलिस के सिपाही को भी बुलाया गया है।

नहीं हुआ मुकदमा

चार दिन पहले जाट बिरादरी की युवती ने एसपी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि सांकरौद गांव में जिस युवक के साथ उसके प्रेम-प्रसंग बताए जा रहे थे, उसने ही उसे दिल्ली बुलाकर बंधक बनाया था और अपने भाई दिल्ली पुलिस के सिपाही के साथ मिलकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई कर मुकदमा कायम करने की मांग की थी।

यह है मामला

सांकरौद गांव में दलित युवती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि गांव में उसके भाई का जाट बिरादरी की युवक के साथ प्रेम-प्रसंग चल रहा था। पुलिस ने दोनों को बरामद कर उसके भाई को झूठे मुकदमे में जेल भेज और युवती को उसके परिजनों को सौंप दिया। युवती के परिजनों ने खाप बिरादरी की पंचायत बुलाई थी, जिसमें उसे और उसकी बहन का दुष्कर्म कर नग्न परेड कराए जाने का फरमान सुनाया गया था। इससे दोनों बहनों की इज्जत खतरे में पड़ने के साथ-साथ परिवार की सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न हो गया था। इसके बाद युवती ने अपने प्रेमी और उसके भाई पर ही सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगा दिया था। दलित परिवार ने एससी एसटी आयोग में अपने उत्पीड़न की भी शिकायत की थी।


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