खाप चौधरी ने भी माना, नही हुई पंचायत
जागरण संवाददाता, खेकड़ा (बागपत): खाप चौधरी जितेंद्र धामा ने भी माना है कि सांकरौद गांव में कोई पंचायत
जागरण संवाददाता, खेकड़ा (बागपत): खाप चौधरी जितेंद्र धामा ने भी माना है कि सांकरौद गांव में कोई पंचायत नहीं हुई है। आरोपी पक्ष बेमतलब खाप और गांव को बदनाम कर रहा है। झूठी बुनियाद पर यह मामला अधिक दिन नहीं चल सकता। खाप चौधरी सांकरौद प्रकरण पर ¨चता जाहिर कर रहे थे।
धामा खाप चौधरी जितेंद्र ¨सह ने अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि खाप के लिए सभी जाति धर्म संप्रदाय एक समान हैं। उसके लिए सभी गांव के लोग अपने हैं, पंचायत ऐसा फरमान कभी नहीं सुना सकती और ये तो झूठा प्रचार किया जा रहा है। इससे गांव व समाज की बेइज्जती हो रही है। अदालत का भी समय खराब किया जा रहा है। समाज उनको दंड देगा। झूठी याचिका दायर होने से गांव का अपमान हुआ है। जो लोग गांव का माहौल खराब करना चाहते हैं, उनको चिन्हित कर पुलिस को सूचना दी जाएगी। गांव का अपमान नहीं होने दिया जाएगा। खाप अच्छे कार्य के लिए कार्य करती है न कि बहन बेटियों बहुओं को नंगा घुमाने का फरमान सुनाती है। ये तो सरासर गलत और खाप की तौहीन है।
ये था मामला
सांकरौद गांव में एक दलित परिवार ने दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी, कि उनके गांव में खाप की पंचायत हुई, जिसमें उसे व उसके परिवार के लोगों को नग्न घुमाने का फरमान सुनाया गया है। हालांकि, कथित पंचायत व फरमान की सभी स्तर पर हुई जांच में फर्जी करार दी गई। अब याचिका दायर करने वाला परिवार ही अपने बुने जाल में फंसता नजर आने लगा है। दरअसल, गांव निवासी एक दलित युवक गांव की एक जाट बिरादरी की युवती को नौकरी दिलाने के नाम पर अपने साथ ले गया था। बाद में युवती की शादी कही दूसरी जगह पर कर दी थी। मामला शांत हो गया था, लेकिन पंचायत व फरमान को लेकर गांव एक बार फिर सुर्खियों में आ गया था।