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जिला पंचायत के 'चक्रव्यूह' में घिर गया था प्रमोद

जागरण संवाददाता, बागपत : चार दिन बाद भी कुख्यात प्रमोद राठी की हत्या रहस्य बनी हुई है। पुलिस का दावा

By Edited By: Published: Fri, 07 Aug 2015 11:10 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2015 11:10 PM (IST)
जिला पंचायत के 'चक्रव्यूह' में घिर गया था प्रमोद

जागरण संवाददाता, बागपत : चार दिन बाद भी कुख्यात प्रमोद राठी की हत्या रहस्य बनी हुई है। पुलिस का दावा है कि प्रमोद की हत्या त्रिस्तरीय चुनाव से पहले इसलिए की गई, क्योंकि वह बड़ौत क्षेत्र में ग्राम प्रधान नहीं बल्कि जिला पंचायत चुनाव को प्रभावित कर सकता था। पुलिस के कयासों में यह बात निकलकर सामने आयी है कि प्रमोद जिला पंचायत चुनाव में अपने कई प्रत्याशी उतारने वाला था। यदि उसके उम्मीदवार जीत जाते तो वह उसी आधार पर वह आगे की रणनीति तय करता। उसने खुद ही जिला पंचायत चुनाव का 'चक्रव्यूह' रचा था लेकिन उसी की 'व्यूह रचना' में फंसाकर उसका काम तमाम कर दिया है।

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भविष्य में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रमोद बड़ौत के छपरौली, रमाला, बिनौली, दोघट और बड़ौत कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत ही नहीं बल्कि जिला पंचायत के कई वार्ड को प्रभावित करता। दोनों चुनाव में वह अपने प्रत्याशी मैदान में उतार रहा था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसकी सोच थी कि वह जब ग्राम प्रधान के प्रत्याशियों का सहयोग करेगा तो जिला पंचायत सदस्य के लिए प्रधान पद के प्रत्याशी उसका सहयोग करेंगे। अंदरखाने उसने जिला पंचायत सदस्य के कई प्रत्याशियों के नाम भी घोषित कर दिए थे।

चुनाव में हार-जीत के बाद प्रमोद अगली रणनीति बनाता। जिला पंचायत में सदस्य पद पर यदि उसके कई प्रत्याशी जीत जाते तो वह अगली रणनीति पर काम करता। प्रमोद की रणनीति के सामने कई लोगों का राजनैतिक भविष्य भी दांव पर लगने वाला था। सूत्रों के अनुसार, जिला पंचायत चुनाव से पहले ही प्रमोद का काम तमाम करा दिया गया। उसकी हत्या में सुपारी 10 या 20 लाख का नहीं बल्कि इससे दोगुनी रकम का लेनदेन होना बताया जा रहा है। पुलिस उसके पास मिले मोबाइल की यदि गहनता से जांच करे तो कई लोग बेनकाब हो सकते हैं। हालांकि पुलिस खुलकर इस मामले में अभी बयान देने को तैयार नहीं है।

हवालात से जेल में गए थे 20 हजार रुपए

ज्यादा नहीं दो माह पहले की बात है कि प्रमोद ने अपनी ओर से बड़ौत नगर से सटे गांव के एक युवक को जिला पंचायत सदस्य के लिए घोषित कर दिया था। इसके बाद वह युवक प्रमोद की आर्थिक रूप से मदद करने लगा था। यही युवक प्रमोद गिरोह के सदस्य को सदर हवालात में 20 हजार रुपए देकर आया था। उसके बाद यह रुपए मेरठ जेल में बंद प्रमोद के भाई के पास पहुंचाए थे। प्रमोद की ऐसी मदद कई उन लोगों ने करनी शुरू कर दी थी जिनको उसने ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ाने का आश्वासन दिया था।

इन्होंने कहा..

प्रमोद की हत्या की जांच की जा रही है। इतना तय है कि हत्या बड़ी साजिश का हिस्सा रही है। प्रमोद ग्राम पंचायत ही नहीं जिला पंचायत चुनाव में भी हस्तक्षेप करने वाला था।

-शरद सचान, एसपी बागपत


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