चातुर्मास में मिलता है विशेष धर्मलाभ : आर्यिका
बड़ौत : आचार्य धर्मसागर जी महाराज साधुवृत्ति आश्रम में रविवार को भव्य कार्यक्रम हुआ, जिसमें आचार्य अभ
बड़ौत : आचार्य धर्मसागर जी महाराज साधुवृत्ति आश्रम में रविवार को भव्य कार्यक्रम हुआ, जिसमें आचार्य अभिनंदन सागर महाराज की शिष्या आर्यिका प्रत्यक्षमति माता के पावन वर्षा योग की स्थापना के साथ मंगलकलश स्थापना हुई। धर्मसभा में माताजी ने कहा, चातुर्मास से साधुओं के अलावा श्रावकों को भी विशेष धर्मलाभ मिलता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ धनपाल जैन ने ध्वजारोहण कर किया। इनके अलावा वीरेंद्र जैन ¨पटी ने दीप प्रज्ज्वलित और आनंद जैन ने चित्र का अनावरण किया। प्रवचन में माताजी ने कहा कि वर्षा योग चातुर्मास सभी के लिए विशेष धर्मलाभ वाला होता है। चातुर्मास में साधु एक ही स्थान पर चार माह रुककर साधना करते हैं, ताकि वर्षा में उत्पन्न सूक्ष्म जीवों की ¨हसा न हो, वहीं श्रावकों को इतने समय में साधुओं का सानिध्य प्राप्त होता है।
इस मौके पर माताजी को वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य राकेश कोयले वालों को मिला। मयंक जैन ने शास्त्र भेंट किए। कार्यक्रम में मंगलाचरण सुनील जैन व मंच संचालन डा. आरके जैन तथा संजय जैन ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर अजय, आनंद जैन, ज्योति प्रसाद राकेश जैन, संजय, शिखरचंद, पंकज, राकेश, अखिलेश, संजय, मनोज, बिजेंद्र, बालकिशन, अनिल, हीरालाल, टेकचंद, संदीप जैन, सुनील जैन, सुधा जैन, कौशल जैन, पुष्पा, माया, आंचल जैन आदि शामिल थे।