पत्नी बनाकर घर लाया था, हत्यारिन के रूप में थाने ले गया
जागरण संवाददाता, बागपत : ब्रह्मवती के कत्ल के बाद जिस वक्त सुशील घर से अपनी पत्नी का हाथ पकड़कर थाने
जागरण संवाददाता, बागपत : ब्रह्मवती के कत्ल के बाद जिस वक्त सुशील घर से अपनी पत्नी का हाथ पकड़कर थाने ले जा रहा था, हर कोई अवाक था। एक वह शुभ दिन था, जब उसने जीवन संगिनी बनाकर राखी का हाथ थामा था। एक ये मनहूस दिन था, जब उसने उसी हाथ से पकड़ कर पत्नी को पुलिस के हवाले कर दिया। सुशील को ख्वाब में भी इसका इल्म न था कि अग्नि को साक्षी मानकर हर सुख-दुख में उसका साथ निभाने का वचन लेने वाली जीवन संगिनी से नहीं बल्कि काल के साथ सात फेरे लिये हैं।
ब्रह्मवती ने अपने छोटे बेटे सुशील की शादी चार साल पहले यमुना पार हरियाणा के रूपनगर बाकीपुर भैरा गांव में राखी के साथ की थी। उस दिन बहू की बलाइयां लेती ब्रह्मवती फूली नहीं समा रही थी। इस शुभ दिन पर सुशील ने भी यह कतई नहीं सोचा होगा कि जिस राखी को पत्नी बनाकर वह घर ला रहा है, वही एक दिन उसकी मां की ¨जदगी छीन लेगी। पर, शनिवार को यही हो गया।
राखी ने अपनी मौज-मस्ती के लिए अपनी सास ब्रहृमवती को बेदर्दी से मौत के घाट उतार दिया। सुशील ने घर का वीभत्स दृश्य देखा तो सन्न रह गया। एक कमरे में हत्यारिन के रूप में उसकी पत्नी बैठी है तो दूसरी ओर उसकी मां की खून से लथपथ लाश पड़ी है। उसी मां की लाश, जो बेटे के सिर पर सेहरा बंधता देख खुशी से पागल हुई जा रही थी। सुशील जब पुलिस के साथ अपनी पत्नी का हाथ पकड़कर घर से बाहर निकला और पत्नी को थाने ले जाने लगा तो लोग कह रहे थे कि यह पत्नी नहीं घर में हत्यारिन को लेकर आया था, जिसने चार साल में ही अपनी सास की जान ले ली। मोहल्ले की महिलाएं कह रही थीं कि ब्रह्मवती न सपने में भी न सोचा था कि जिसे उसके बेटे की बहू ही एक दिन उसकी जान ले लेगी।
हर कोई कोस रहा था राखी को
पुलिस और सुशील घर से राखी को लेकर निकले तो चारों तरफ लोगों की भीड़ खड़ी हुई थी, जिनमें काफी महिलाएं भी शामिल थीं। महिलाएं राखी की ओर उंगली उठाकर कह रही थीं-बहू नहीं ये हत्यारिन है। कितनी बेदर्दी से इसने अपनी सास की जान ले ली।