गड़बड़झाला की रिपोर्ट और कार्रवाई दोनों सार्वजनिक हों
बागपत : निकाय या किसी संस्थान में गड़बड़झाला मिलना कोई नई बात नहीं है। लेकिन उन पर जो कार्रवाई होती है
बागपत : निकाय या किसी संस्थान में गड़बड़झाला मिलना कोई नई बात नहीं है। लेकिन उन पर जो कार्रवाई होती है उसे सार्वजनिक होना चाहिए। जिससे नागरिकों को पता तो चले।
-सविता, नागरिक।
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ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए ताकि लोग जान तो सकें कि आखिर उनके निकाय के मालिक क्या गुल खिला रहे हैं। यह तो अखबारों के माध्यम से मालूम चल जाता है अन्यथा पता ही न चले कि क्या गोलमाल हुआ।
-राकेश आर्य, नागरिक।
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ऑडिट में भी निकाय खेल करती हैं। कार्रवाई के नाम पर कुछ जुर्माना होता है या फिर सिर्फ सुधार की छूट दे दी जाती है। यह गलत है। ऑडिट रिपोर्ट व कार्रवाई दोनों सार्वजनिक होनी चाहिए।
-सरिता ¨सह, नागरिक।
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नागरिक जब टैक्ट दे रहे हैं तो यह जानने का अधिकार है कि उनके नगर के विकास के लिए कितना मद कहां से मिला और खर्च हुआ तो कितना और नहीं खर्च हुआ तो क्यों? निकाय अक्सर धनराशि की खर्च नहीं कर पातीं। इसका पूरा ब्यौरा बोर्ड पर डिस्प्ले पर प्रदर्शित होना चाहिए। इसे ऑनलाइन करना चाहिए।
-प्रवीन कुमार, नागरिक।
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