सच्चा हीरा था किसानों का मसीहा : श्रीपाल
बागपत : चौधरी साहब यानि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के रोम-रोम में किसान प्रेम था। वह जीवन भर
बागपत : चौधरी साहब यानि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के रोम-रोम में किसान प्रेम था। वह जीवन भर किसानों के लिए जीए और किसानों के लिए ही अपने को खपा दिया। वह अपने धुन के पक्के थे। खरी बात करते और सबसे इसी तरह की अपेक्षा रखते थे। उनकी कर्मठता, ईमानदारी और किसानों के प्रति दर्द को महाशय श्रीपाल आर्य बखूबी अपनी रचनाओं में परोसते थे।
खेड़ा हटाना निवासी श्रीपाल आर्य उन प्रमुख लोक गायकों में हैं, जो चौधरी साहब को किसानों का असली हमदर्द और साथी बताते हैं। उनका कहना है, चौधरी चरण सिंह के अंदर जो किसान बसता था, वह देश के किसी नेता के अंदर नहीं है। यही कारण है कि आज देश का किसान मर रहा है और उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने अपनी पुस्तक 'सच्चा हीरा अर्थात चौधरी चरण सिंह' जिसका उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में बिजरौल गांव में विमोचन किया था, श्रीपाल अक्सर ही उनकी सभाओं में स्वागत गीत और लोकगीत प्रस्तुत करते थे। वह आज चौधरी साहब को यादकर भाव विह्वल हो जाते हैं।
लोकगायक श्रीपाल बताते हैं, चौधरी साहब अंतरजातीय विवाह के पोषक थे। छुआछूत के घोर विरोधी थे और आर्यसमाज को मानने वाले चौधरी चरण सिंह स्वामी दयानंद सरस्वती के पक्के अनुयायी थे। कठोर स्वभाव और कड़ा शासन उनकी असली पहचान थी।