लालबत्ती का मोह है कि छूटता नहीं?
जागरण संवाददाता, बागपत : जन प्रतिनिधियों का लालबत्ती का मोह छूट नहीं रहा है। बसपा के एमएलसी प्रशांत
जागरण संवाददाता, बागपत : जन प्रतिनिधियों का लालबत्ती का मोह छूट नहीं रहा है। बसपा के एमएलसी प्रशांत चौधरी की लालबत्ती इन दिनों शहर में चर्चा में है। नगर में व्यापारियों के धरने को समर्थन देने के लिए शनिवार को बसपा एमएलसी प्रशांत चौधरी लालबत्ती लगी गाड़ी से पहुंचे। लालबत्ती वाली गाड़ी देखकर लोग अचंभित रहे गए कि आखिर एमएलसी को लालबत्ती वाली गाड़ी कैसे मिल गई? कुछ लोगों ने बसपा कार्यकर्ताओं से ही यह प्रश्न किए। कुछ लोगों ने बताया कि प्रशांत चौधरी विधान परिषद में विशेष अधिकार समिति के सभापति हैं, इसलिए वह लालबत्ती लगा सकते हैं। एमएलसी की लालबत्ती वाली गाड़ी जिले के कप्तान की गाड़ी के साथ ही खड़ी थी, लेकिन कप्तान शरद सचान भी लालबत्ती को नजरंदाज करते हुए वहां से निकल गए।
ये है प्रोटोकॉल
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, राज्य में मुख्यमंत्री, राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति, नेता प्रतिपक्ष, कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम के महापौर ही लालबत्ती लगा सकते हैं।
इन्होंने कहा..
मैं विधान परिषद के विशेष अधिकार समिति का सभापति हूं। प्रोटोकॉल के तहत मैं अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती लगा सकता हूं।
- प्रशांत चौधरी, एमएलसी व सभापति, विशेष अधिकार समिति, विधान परिषद।
किसी भी सदन की समितियों के सभापति लालबत्ती नहीं लगा सकते हैं। यह कोई संवैधानिक पद नहीं होता है। सुप्रीम कोर्ट ने लालबत्ती लगाने के संबंध में स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं, अगर कोई ऐसा कर रहा है तो वह कानून का उल्लंघन कर रहा है।
- चौधरी साहब सिंह, पूर्व दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री।
नियमानुसार एमएलसी या सदन की किसी समिति के सदस्य लालबत्ती नहीं लगा सकते हैं। मुझे एमएलसी प्रशांत चौधरी जी की गाड़ी पर लालबत्ती लगी होने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो यह नियम विरुद्ध है।
- शरद सचान, एसपी, बागपत।