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मंत्रालय ने रोका वैक्सीन निर्माता कंपनियों का भुगतान

रामानुज, बागपत मवेशियों में खुरपका-मुंहपका रोग के नियंत्रण के लिए प्रयोग होने वाली वैक्सीनों के अ

By Edited By: Published: Sat, 27 Dec 2014 12:20 AM (IST)Updated: Sat, 27 Dec 2014 12:20 AM (IST)

रामानुज, बागपत

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मवेशियों में खुरपका-मुंहपका रोग के नियंत्रण के लिए प्रयोग होने वाली वैक्सीनों के अधोमानक होने के खुलासे के बाद वैक्सीनों की आपूर्ति करने वाली एक सरकारी सहित तीन कंपनियों का भुगतान रोक दिया गया है।

खुरपका-मुंहपका वैक्सीनों के अधोमानक (गुणवत्ताहीन)होने के खुलासे के बाद जहां भारत सरकार के पशुपालन विभागों, अनुसंधान संस्थानों और कृषि मंत्रालय में हड़कंप मच गया था। आनन-फानन में केंद्रीय केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री संजीव बालियान ने इस मामले पर उच्चस्तरीय जांच बैठा दी थी और इसकी जांच कमेटी को 45 दिन का समय दिया था। हालांकि अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आयी है। इसके अगले सप्ताह आने की बात कही जा रही है। इसके बाद अब कृषि मंत्रालय ने इस एफएमडी (खुरपका-मुंहपका) रोग नियंत्रण की वैक्सीनों की आपूर्ति करने वाली तीनों कंपनियों के भुगतान को भी रोक दिया है। इनमें एक सरकारी कंपनी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड-हैदराबाद तथा इंटरवेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड-पूना व ब्रिलियंट बायोफार्मा लिमिटेड-हैदराबाद समेत तीन कंपनियां शामिल हैं। अपने आदेश में मंत्रालय ने कहा है, जब तक उच्चस्तरीय तीन सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तब तक इन तीनों कंपनियों को वैक्सीनों का भुगतान न किया जाए। 'दैनिक जागरण' में गत 05 नवंबर-14 को 'मवेशियों की वैक्सीन में पोखर का पानी' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद लगातार दस दिनों तक वैक्सीन की हकीकत को उजागर करती हुई अन्य खबरें भी प्रकाशित हुई थी। चौधरी चरण सिंह-राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य संस्थान (सीसीएस-एनआइएएच), बागपत के निदेशक ने अपने दस सदस्यीय वैज्ञानिकों की टीम के शोध में पाया था, तीन वैक्सीन कंपनियों के 52 बैचों की इमल्टशन स्टेबिल्टी और 10 बैचों की स्टर्लिटी जांच गुणावत्ताहीन है। संस्थान के निदेशक वैज्ञानिक डा. बीआर सिंह ने इसके शोधपत्र को मथुरा के अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया था। साथ ही इसकी जानकारी भारत सरकार के पशुपालन विभाग और कृषि मंत्रालय को दी थी। इसकी जांच रिपोर्ट 26 दिसंबर को आनी थी, लेकिन अब इसके अगले सप्ताह तक आने की संभावना है।

इन्होंने कहा..

यह बात सही है, वैक्सीनों में गुणवत्ता की खामियों की जानकारी के बाद जहां इस प्रकरण की उच्चस्तरीय तीन सदस्यीय कमेटी जांच कर रही है,वहीं इसके बाद तीनों वैक्सीन निर्माता कंपनियों का भुगतान भी रोक दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के उपरांत ही इसके बारे में कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

-संजीव बालियान, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री


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