अब चौकी इंचार्ज नहीं, सीडब्ल्यूओ करेंगे जांच
बागपत : बाल अधिकारों के हनन और उत्पीड़न को रोकने के लिए बाल न्यायालय मजिस्ट्रेट व पुलिस की संयुक्त बै
बागपत : बाल अधिकारों के हनन और उत्पीड़न को रोकने के लिए बाल न्यायालय मजिस्ट्रेट व पुलिस की संयुक्त बैठक हुई, जिसमें कई सख्त फैसले लिए गए। अहम फैसला यह रहा कि अब संबंधित पुलिस चौकी इंचार्ज की बजाय बाल कल्याण अधिकारी (सीडब्ल्यूओ) ही बच्चों के मामलों की प्रथम जांच करेंगे।
रविवार को कोतवाली में हुई बैठक में बाल न्यायालय की मजिस्ट्रेट सरिता जिंदल और बड़ौत सर्किल के बड़ौत, रमाला, छपरौली व दोघट थानों की पुलिस की वार्ता हुई। जिंदल ने बताया, बाल अधिकारों के हनन, उत्पीड़न व शोषण को रोकने के लिए प्रत्येक थाने में बाल कल्याण अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। जिस भी क्षेत्र में बाल अधिकारों का हनन किया जा रहा है और वहां से कोई शिकायत मिलती है तो उसकी जांच संबंधित चौकी अधिकारी की बजाय अब बाल कल्याण अधिकारी करेंगे। उनकी जांच के बाद ही चौकी इंचार्ज जांच करेंगे।
उन्होंने कहा, यदि कोई भी बाल श्रम कराता है तो उसके विरुद्ध तुरंत एफआइआर दर्ज कराई जाए। कहीं कोई लावारिस बच्चा मिलता है तो उस मामले को सबसे पहले प्राथमिकता दी जाए। इस मौके पर सीओ बड़ौत सीपी सिंह, सीओ रमाला राहुल मिठास ने अधीनस्थों को निर्देश दिए कि वह बाल अधिकारों का हनन रोकने के अपने-अपने इलाकों में सक्रिय हो जाएं। किसी भी स्तर पर बच्चों का शोषण नहीं होना चाहिए। इस दौरान बड़ौत कोतवाली प्रभारी विजय सिंह, रमाला इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह, दोघट थानाध्यक्ष ओमवीर सिंह, छपरौली इंस्पेक्टर राजेश कुमार वर्मा के अलावा बाल कल्याण समिति के प्रदीप गुप्ता, योगेश जिंदल आदि उपस्थित रहे।