अफसर क्यों खो बैठे आपा?
बड़ौत : संवेदनशील अफसर ही संवेदनहीन बन बैठे तो क्या होगा? आज तहसील दिवस में हुई घटना ने ये सुलगते सवा
बड़ौत : संवेदनशील अफसर ही संवेदनहीन बन बैठे तो क्या होगा? आज तहसील दिवस में हुई घटना ने ये सुलगते सवाल खड़े कर दिए हैं। कहा जा सकता है कि फरियादी ने भी आक्रोश में गलत किया, लेकिन अफसर ही इस तरह से आपा खो देंगे और फरियादियों के बीच मारपीट करने लगेंगे तो फिर नौकरशाही में भी भीड़तंत्र पनप जाएगा। न्याय की आस लेकर पहुंचा रणवीर बेहद परेशान था। मानसिक रूप से परेशान हो चुके रणवीर का गुस्सा फूट भी गया था तो उसे शांत स्वभाव से समझाया जा सकता था,कठोर लहजे में चेताया जा सकता था। विधायक वीरपाल सिंह राठी ने भी समर्थकों संग यह सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को भी गरिमा का पालन करना चाहिए। यह एक दुखद घटना है। इससे तो जनता का सरकारी तंत्र से भरोसा ही उठ जाएगा। उन्होंने मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।
रालोद मुखिया से मिलेंगे : मुनेश
तहसील दिवस में घटना को लेकर किसान नेता मुनेश बरवाला ने भी रोष प्रकट किया है। उन्होंने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस मामले को लेकर वह रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह से मिलेंगे। दूसरी ओर शिक्षक नेता जितेंद्र तोमर ने भी घटना की निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की है।