मुठभेड़ में देवेंद्र धनौरा साथियों के साथ गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, बागपत : पुलिस ने लोनी के जावली गांव से मुठभेड़ के बाद कुख्यात प्रमोद के दाहिने हाथ म
जागरण संवाददाता, बागपत : पुलिस ने लोनी के जावली गांव से मुठभेड़ के बाद कुख्यात प्रमोद के दाहिने हाथ माने जाने वाले देवेंद्र धनौरा को छह साथियों के साथ दबोच लिया। बदमाश सुबह मुजफ्फनगर जनपद से एक लाख रुपए लूटकर लाए थे तथा शाम को दिल्ली में एक करोड़ रुपए की लूट करनी थी। पुलिस बदमाशों को खेकड़ा थाने में लाकर पूछताछ कर रही है।
पुलिस को बुधवार शाम सूचना मिली कि कुछ बदमाश एक कार में खेकड़ा थाना क्षेत्र के मुबारिकपुर गांव के पास से होते हुए लोनी जा रहे हैं। सीओ एनपी सिंह ने पुलिस टीम के साथ घेराबंदी करते हुए चेकिंग शुरू कर दी। इसी दौरान वहां आई एक कार को पुलिस ने रोकने का इशारा किया, लेकिन कार में सवार लोग फायरिंग करते हुए लोनी की ओर फरार हो गए। पुलिस टीम ने बदमाशों का पीछा करना शुरू कर दिया। बदमाश किसी तरह गाजियाबाद के जावली पहुंच गए और जंगल में एक फैक्ट्री में घुस गए।
बदमाशों के पीछे पहुंची बागपत पुलिस ने इसकी जानकारी लोनी कोतवाली और क्राइम ब्रांच को दी। लोनी पुलिस और बागपत पुलिस ने फैक्ट्री को चारों ओर से घेर लिया। बदमाश और पुलिस के बीच फायरिंग होने लगी। इसके बाद बदमाशों को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा। गिरफ्तार बदमाशों में कुख्यात प्रमोद का साथी देवेंद्र धनौरा, सतेंद्र शबगा, फैक्ट्री मालिक महबूब, नौशाद, सुनील व मोनू निवासी मुजफ्फरनगर शामिल हैं। एसपी जेके शाही ने बताया कि बदमाशों के पास से भारी असलाह व दो कार भी बरामद हुई हैं। बदमाशों को खेकड़ा थाने में लाकर पूछताछ की जा रही है। बदमाशों ने बताया कि उन्होंने सुबह मुजफ्फरनगर जनपद में एक लाख रुपए की लूट की थी तथा शाम को दिल्ली के चांदनी चौक में एक व्यापारी से एक करोड़ रुपये की लूट करनी थी।
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प्रमोद निकल गया
एक घंटा पहले
पुलिस ने बताया कि लोनी कोतवाली क्षेत्र के जावली गांव के जंगल में महबूब की फैक्ट्री है, जिसमें बदमाशों का डेरा लगा रहता है। मुठभेड़ से लगभग एक घंटा पहले प्रमोद एक साथी के साथ इसी फैक्ट्री से दिल्ली के लिए निकल गया था।
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फोन पर बात करने के
बाद बाहर निकला देवेंद्र
पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ के बाद देवेंद्र धनौरा ने एनकाउंटर के डर से फैक्ट्री से बाहर आने से मना कर दिया। देवेंद्र ने पहले सीओ बागपत से फोन पर बात की। यकीन नहीं आया तो इसके बाद एसपी से बातचीत की। इसके बाद ही देवेंद्र ने साथियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया।