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..और धू-धूकर जल उठी रावण की लंका

संवाद सूत्र, अमीनगर सराय (बागपत) : कस्बे के प्राचीन शिव मंदिर में चल रही रामलीला के दसवें दिन हनुमान

By Edited By: Published: Tue, 30 Sep 2014 11:28 PM (IST)Updated: Tue, 30 Sep 2014 11:28 PM (IST)
..और धू-धूकर जल उठी रावण की लंका

संवाद सूत्र, अमीनगर सराय (बागपत) : कस्बे के प्राचीन शिव मंदिर में चल रही रामलीला के दसवें दिन हनुमान द्वारा लंका दहन और अक्षय वध का मंचन किया गया। इस दौरान हनुमान ने अशोक वाटिका को भी उजाड़ा।

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रामलीला मंचन में कलाकारों ने दर्शाया कि हनुमान सीता माता की खोज में लंका पहुंच जाते हैं, जहां विभीषण उन्हें माता सीता का अशोक वाटिका में होना बताते हैं। हनुमान अशोक वाटिका पहुंचकर माता सीता को श्रीराम की निशानी अंगूठी और संदेश देते हैं। वहां पर बाग में लगे फलों को देख हनुमान माता सीता से फलों के सेवन की अनुमति लेकर फल खाने लगते है। जहां बाग के पहरेदार उन्हें रोकते है तो हनुमान उन्हें वहां से भगा देते है। रावण को जब इसकी सूचना मिलती है तो वे अपने पुत्र अक्षय को वहां भेजते है। इस पर हनुमान अक्षय का वध कर देते है। रावण क्रोधित होकर मेघनाद को हनुमान को पकड़कर लाने की आज्ञा देते है। मेघनाद ब्रहम फांस में बांधकर हनुमान को रावण के समक्ष लाते है। रावण उनकी पूंछ में आग लगाकर दंडित करते है। गुस्साए हनुमान पूरी लंका को जला देते है। हनुमान माता सीता से निशानी चूड़ामणि लेकर राम के पास लौट जाते है और तथा भगवान राम को उनकी कुशलता के बारे में बताते है। राम अंगद को भेजकर रावण को एक मौका देते है कि वो माता सीता को छोड़ दे, लेकिन अहंकार में चूर रावण युद्ध की बात करता है। इसके बाद विभीषण राम की शरण में जाते हैं। इस अवसर पर अध्यक्ष राकेश गुप्ता, नवीन गुप्ता, जयपाल प्रजापति, मुकेश शर्मा, दिनेश गुप्ता, राजकुमार कश्यप, सुशील शर्मा, घनश्याम मित्तल, देवेंद्र गर्ग, पुरुषोत्तम गर्ग, राजेश गर्ग आदि कमेटी पदाधिकारियों का सहयोग रहा।


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