काफी इंतजार के बाद जनपद को 12 करोड़ का 'तोहफा'
संवाद सहयोगी, बागपत : आखिरकार लंबे इंतजार के बाद बागपत को 12 करोड़ का 'तोहफा' मिल गया। ऊर्जा निगम की
संवाद सहयोगी, बागपत : आखिरकार लंबे इंतजार के बाद बागपत को 12 करोड़ का 'तोहफा' मिल गया। ऊर्जा निगम की आरएपीडीआरपी योजना की दूसरी किश्त के रूप में मिले इस बजट से जिले की लचर विद्युत व्यवस्थाओं को सुधारा जाएगा। जर्जर तार, टूटे पोल और ओवरलोड से जूझते ट्रांसफार्मरों से निजात मिलेगी। योजना के तहत विद्युतीकरण के लिए सोमवार को मेरठ से आई टीम ने नगर में कई स्थानों पर निरीक्षण किया।
क्या है योजना-
जनवरी 2013 में ऊर्जा निगम ने आरएपीडीआरपी (रिस्ट्रक्चर एक्सलेटिड पावर डवलपमेंट एंड रिस्पोंस प्रोग्राम) योजना शुरू की थी, जिसके तहत जिले में दिसंबर 2014 तक विद्युतीकरण का कार्य पूरा होना था, जिसके लिए एक लिमिटेड कंपनी को कांट्रेक्ट दिया गया था। योजना के तहत बागपत, बड़ौत और खेकड़ा में जर्जर तार, टूटे पोल और ओवरलोड ट्रांसफार्मरों को बदला जाना है। 16 करोड़ की पहली किश्त जारी होने के बाद सरकार ने दूसरी किश्त आवंटित नहीं की थी, जिसके बाद करीब आठ माह से कार्य बंद पड़ा था। लंबे इंतजार के बाद सरकार ने जिले के लिए 12 करोड़ की दूसरी किश्त भी आवंटित कर दी।
मेरठ की टीम ने किया निरीक्षण
बजट आवंटित होते ही सोमवार को सोमवार को कंपनी के इंजीनियरों की टीम नगर में पहुंची। कंपनी के अधिकारी एके वाष्र्णेय ने स्थानीय एसई पीके गोयल और एक्सईएन प्रभाकर पांडेय के साथ निरीक्षण किया। एसई ने बताया कि निरीक्षण के बाद माता कालोनी से कार्य भी शुरू कर दिया गया। सबसे पहले ओवरलोड ट्रांसफार्मर को लोड हटाया जाएगा।
पहली खेप में हुआ इतना कार्य
योजना के तहत जिले में कुल 72 ट्रांसफार्मर लगने है, जिसमें पहली किश्त में 36 ट्रांसफार्मर लग चुके हैं। 200 किलोमीटर विद्युत लाइन भी लगाई जानी थी। इसमें भी करीब 105 किलोमीटर के दायरे में लाइन लग चुकी है। इसके अलावा टूटे पोल और अन्य स्थानों पर भी कार्य किया जाएगा। उम्मीद है कि इस वर्ष दिसंबर माह तक कार्य पूरा कर दिया जाए।
इन्होंने कहा..
12 करोड़ की धनराशि आवंटित हो चुकी है। मेरठ से आई टीम के निर्देशन पर कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इससे विद्युत व्यवस्थाओं में काफी सुधार होगा।
-पीके गोयल, एसई बागपत।